हमारे देश भारत में एक से बढ़कर एक ऐसी जगहें हैं जहां पर साल भर सैलानी घूमने जाते हैं। लेकिन जब बात महाराष्ट्र की आती है तो वहां पर मौजूद ऐसे ऐसे प्राकृतिक और सुंदर नजारे हैं जिन्हें हर कोई देखना चाहता है। यह हमारे देश भारत का एक काफी अधिक लोकप्रिय राज्य है जहां पर बहुत सारे वन्यजीव अभयारण्य हैं। यदि आप भी एक प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको महाराष्ट्र के इन बेहतरीन वन्यजीव अभ्यारण्यों की सैर के लिए जरूर जाना चाहिए। तो यदि आप भी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बताएंगे उन सभी शीर्ष वन्यजीव अभयारण्यों के बारे में जो महाराष्ट्र में आपको जरूर देखने चाहिए। आज हम आपको महाराष्ट्र के अभ्यारण्य के नाम और उनके स्थान और विशेषताओं के बारे में आपको बताने वाले हैं।
Contents
महाराष्ट्र के अभ्यारण्य के नाम
क्र.सं. | वन्यजीव अभयारण्य का नाम | Name of Wildlife Sanctuary (WLS) | स्थान (जिला) | स्थापना वर्ष | क्षेत्रफल (किमी² में) |
---|---|---|---|---|---|
1 | अंबा बरवा अभयारण्य | Amba Barwa WLS | बुलढाणा | 1997 | 127.11 |
2 | अंधेरी अभयारण्य | Andhari WLS | चंद्रपूर | 1986 | 509.27 |
3 | अनेर बांध अभयारण्य | Aner Dam WLS | धुले | 1986 | 82.94 |
4 | भामरागढ़ अभयारण्य | Bhamragarh WLS | गडचिरोली | 1997 | 104.38 |
5 | भीमाशंकर अभयारण्य | Bhimashankar WLS | पुणे-ठाणे | 1985 | 130.78 |
6 | बोर अभयारण्य | Bor WLS | वर्धा-नागपूर | 1970 | 61.1 |
7 | छपराला अभयारण्य | Chaprala WLS | गडचिरोली | 1986 | 134.78 |
8 | देओलगांव-रेहकुरी अभयारण्य | Deolgaon-Rehkuri WLS | अहमदनगर | 1980 | 2.17 |
9 | ध्यानगंगा अभयारण्य | Dhyanganga WLS | बुलढाणा | 1997 | 205.23 |
10 | गौतला- औत्रमघाट अभयारण्य | Gautala- Autramghat WLS | औरंगाबाद-जलगांव | 1986 | 260.61 |
11 | ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभयारण्य | Great Indian Bustard WLS | सोलापुर | 1979 | 1222.61 |
12 | जयकवाड़ी अभयारण्य | Jayakwadi WLS | औरंगाबाद-अहमदनगर | 1986 | 341.05 |
13 | कलसुबाई हरिश्चंद्रगढ़ अभयारण्य | Kalsubai Harishchandragad WLS | अहमदनगर | 1986 | 361.71 |
14 | करनाला अभयारण्य | Karnala WLS | रायगड | 1968 | 4.48 |
15 | करंजा सोहल ब्लैकबक अभयारण्य | Karanja Sohal Blackbuck WLS | अकोला | 2000 | 18.32 |
16 | कटेपूर्णा अभयारण्य | Katepurna WLS | अकोला | 1988 | 73.63 |
17 | कोयाना अभयारण्य | Koyana WLS | सातारा | 1985 | 423.55 |
18 | लोनार अभयारण्य | Lonar WLS | बुलढाणा | 2000 | 1.17 |
19 | मालवन समुद्री अभयारण्य | Malvan Marine WLS | सिंधुदुर्ग | 1987 | 29.122 |
20 | मानसिंगदेव अभयारण्य | Mansingdeo WLS | नागपूर | 2010 | 182.59 |
21 | मयूरेश्वर अभयारण्य | Mayureswar WLS | पुणे | 1997 | 5.15 |
22 | मेलघाट अभयारण्य | Melghat WLS | अमरावती | 1985 | 778.75 |
23 | नागझिरा अभयारण्य | Nagzira WLS | भंडारा-गोंदिया | 1970 | 152.81 |
24 | नैगांव मयूर अभयारण्य | Naigaon Mayur WLS | बीड | 1994 | 28.89 |
25 | नंदुर मदमेश्वर अभयारण्य | Nandur Madhameshwar WLS | नासिक | 1986 | 100.12 |
26 | नारनाला पक्षी अभयारण्य | Narnala Bird WLS | अकोला | 1997 | 12.35 |
27 | नवेगांव अभयारण्य | Nawegaon WLS | गोंदिया | 2012 | 122.76 |
28 | नवीन बोर अभयारण्य | New Bor WLS | नागपूर | 2012 | 60.7 |
29 | नवीन नागज़ीरा अभयारण्य | New Nagzira WLS | गोंदिया-भंडारा | 2012 | 151.33 |
30 | पैनगंगा अभयारण्य | Painganga WLS | यवतमाल-नांदेड | 1986 | 324.62 |
31 | फंसद अभयारण्य | Phansad WLS | रायगड | 1986 | 69.79 |
32 | राधानगरी अभयारण्य | Radhanagari WLS | कोल्हापूर | 1958 | 351.16 |
33 | सागरेश्वर अभयारण्य | Sagareshwar WLS | सांगली | 1985 | 10.87 |
34 | तानसा अभयारण्य | Tansa WLS | ठाणे | 1970 | 304.81 |
35 | ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य | Thane Creek Flamingo WLS | ठाणे | 2015 | 16.9 |
36 | तिपेश्वर अभयारण्य | Tipeshwar WLS | यवतमाल | 1997 | 148.63 |
37 | तुन्गारेश्वर अभयारण्य | Tungareshwar WLS | ठाणे | 2003 | 85 |
38 | यावल अभयारण्य | Yawal WLS | जलगाव | 1969 | 177.52 |
39 | येदसी रामलिन घाट अभयारण्य Yedsi Ramlin Ghat WLS | Yedsi Ramlin Ghat WLS | उस्मानाबाद | 1997 | 22.38 |
40 | उम्रेड पौनी कर्हंडला अभयारण्य | Umred Pauni Karhandla WLS | नागपूर | 2013 | 189 |
41 | वैन अभ्यारण्य | Wan WLS | अमरावती | 1997 | 211 |
42 | गंगावाडी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभयारण्य | Gangewadi Great Indian Bustard WLS | सोलापुर | 2015 | 1.98 |
43 | घोड़ाज़री वन्य अभ्यारण्य | Ghodazari Wildlife Sanctuary | चंद्रपुर | 2018 | 159 |
44 | कोका अभ्यारण्य | Koka Wildlife Sanctuary | भंडारा | 2013 | 92.34 |
45 | मयानी पक्षी अभ्यारण्य | Mayani Bird Sanctuary | सतारा | 67 | |
46 | सुधागड़ अभ्यारण्य | Sudhagad Wildlife Sanctuary | रायगड-पुणे | 2013 | 77.128 |
47 | तम्हिनी अभ्यारण्य | Tamhini Wildlife Sanctuary | पुणे-रायगड | 2013 | 49.62 |
48 | तिल्लारी अभ्यारण्य | Tillari Wildlife Sanctuary | सिंधुदुर्ग | 29 | |
49 | ईसापुर अभ्यारण्य | Isapur Wildlife Sanctuary | यवतमाल-हिंगोली | 2014 | 37.80 |
50 | प्राणहिता अभयारण्य | Pranhita Wildlife Sanctuary | गडचिरोली | 2014 | 420.06 |
महाराष्ट्र के प्रमुख अभयारण्य के नाम एवं विशेषताएं
कोयना वन्यजीव अभयारण्य
यह महाराष्ट्र का एक बहुत ही प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है जहां पर आप काफी अधिक अनूठे और सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहां पर हर साल देश विदेश से बहुत सारे पर्यटक आते हैं। कोयना में आपको विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों की प्रजातियां देखने का अवसर मिलता है जैसे कि भारतीय तेंदुआ, भालू, हिरण, किंग कोबरा इत्यादि। अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बना रहें हैं तो यह आपके लिए एक काफी बेहतरीन जगह साबित हो सकती है। लेकिन इस अभयारण्य को घूमने के लिए आपको कम से कम आधा दिन तो चाहिए ही होगा।
विशेषताएं
- अनेकों प्रकार के वन्यजीवों की प्रजातियां पाई जाती हैं
- हरियाली और मनमोहक दृश्य
सागरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य
सागरेश्वर महाराष्ट्र के सांगली जिले में बना हुआ है और इसे काफी ज्यादा प्रसिद्धि प्राप्त है। यहां पर आपको अनेकों प्रकार के जंगली जानवर जैसे हिरण, जंगली सूअर, धारीदार लकड़बग्घा, साही इत्यादि देखने को मिलते हैं। इसके अलावा यहां के पेड़ पौधे और प्राकृतिक नजारे ऐसे हैं कि आपको मंत्रमुग्ध कर लेंगे। अगर आप अपनी फैमिली और बच्चों के साथ एक अच्छा समय गुजारना चाहते हैं तो आपको सागरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य जरूर जाना चाहिए।
विशेषताएं
- प्रकृति के सुंदर नजारे
- अनेकों प्रकार के जंगली जानवर
नागझिरा वन्यजीव अभयारण्य
महाराष्ट्र में स्थित नागझिरा वन्यजीव अभयारण्य एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक जगह है। यह पंडारा और गोंदिया जिले के बिल्कुल बीचोबीच में बना हुआ है। यहां पर आपको विभिन्न प्रजातियों के पक्षी और जानवर देखने को मिल जाएंगे। यहां पर पर्यटक सबसे ज्यादा इस बात से आकर्षित होते हैं कि यहां का जो वातावरण है वह बहुत ही अद्भुत है और यहां के नजारे भी काफी मनमोहक हैं।
विशेषताएं
- विभिन्न प्रजातियों के पक्षी
- जंगली जानवर के अनेकों प्रकार
- सुंदर झीलें
भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य
भीमाशंकर वन्यजीव अभ्यारण महाराष्ट्र के पुणे के अंबेगांव और खेड़ तालुका में बना हुआ है। यहां पर भी दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। इस अभयारण्य का सबसे बड़ा अट्रैक्शन है विशालकाय गिलहरी जिसकी लंबाई 3 फीट तक होती है। यहां पर आप इसके अलावा और भी बहुत से जंगली प्रजातियां देख सकते हैं जैसे – लकड़बग्घा, लंगूर, तेंदुए, हिरण वगैरह। यदि आपको नेचर से प्रेम है तो इस जगह जाकर आपको जरूर शांति मिलेगी। परिवार और रिश्तेदारों के साथ घूमने के लिए यह एक परफेक्ट स्थान है। यहां पर एक शिव मंदिर भी बना हुआ है जो कि श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
विशेषताएं
- विशालकाय गिलहरी
- शिव मंदिर
मेलघाट वन्यजीव अभयारण्य
मेलघाट महाराष्ट्र के अमरावती जिले में सतपुड़ा रेंज पर बना हुआ है। यह भी महाराष्ट्र का एक बहुत ही लोकप्रिय वन्यजीव अभ्यारण्य है। यहां पर वैसे तो आपको कई प्रकार के जंगली जानवर देखने को मिल जाएंगे लेकिन इस जगह को पहचान टाइगर रिजर्व के लिए मिली है। यहां आपको बहुत सारे टाइगरों की प्रजातियां देखने के साथ-साथ भारतीय तेंदुआ, सुस्त भालू इत्यादि भी देखने को मिलते हैं। अगर आप यहां घूमने जा रहे हैं तो 3-4 घंटे का समय आपके पास होना चाहिए।
विशेषताएं
- टाइगर
- प्राकृतिक नजारे
बोर वन्यजीव अभयारण्य
यह भी महाराष्ट्र का एक बेहद लोकप्रिय वन्यजीव अभयारण्य है जो वर्धा जिले के मध्य में हिंगानी में स्थित है। यहां पर आप वन्यजीव प्रजातियों को देखने के साथ-साथ पक्षियों की भी बहुत सारी प्रजातियां भी देख सकते हैं। इसके अलावा जो यहां के प्राकृतिक दृश्य हैं वह भी आपको अपना दीवाना बना लेंगे।
विशेषताएं
- अनेकों प्रकार के पक्षियों और जानवरों की प्रजातियां
- अनूठे प्राकृतिक दृश्य
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व
यह वन्यजीव अभयारण्य बाघो से भरा पड़ा है और इसी वजह से यह काफी प्रसिद्ध है। चंद्रपुर जिले में बना हुआ यह टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र का सर्वाधिक पुराना अभयारण्य है जहां पर आपको भगवान तारु को समर्पित एक मंदिर भी देखने को मिलेगा। यहां पर हर साल वार्षिक मेले का आयोजन भी होता है जहां पर स्थानीय लोगों के अलावा अनेकों स्थानों से पर्यटक भी आते हैं। आपको ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में और भी दूसरे वन्यजीव देखने को मिलते हैं जैसे कि नीलगाय, जंगली बिल्ली, भारतीय अजगर, तेंदुआ वगैरह। इसके अलावा यहां पर अनेकों प्रकार के पक्षी और तितलियों के भी बहुत सारी प्रजातियां आप देख सकते हैं।
विशेषताएं
- बाघ
- पक्षी और तितलियां
पैनगंगा वन्यजीव अभयारण्य
महाराष्ट्र में बना हुआ पैनगंगा वन्यजीव अभयारण्य भी अपनी आकर्षक भौगोलिक विशेषताओं और सुंदर दृश्यों की वजह से लोकप्रिय है। यह 325 वर्ग किलोमीटर की भूमि में बना हुआ है जहां पर आपको विविध प्रकार की वनस्पतियों के अलावा जानवरों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। यह अभयारण्य तीनों तरफ से पैनगंगा नदी से घिरा हुआ है और उसी पर इसका नाम पड़ा है।
विशेषताएं
- प्राकृतिक नजारे
- तीन तरफ से पैनगंगा नदी से घिरा हुआ यह अभ्यारण काफी आकर्षक लगता है।
करनाला पक्षी अभयारण्य
करनाला पक्षी अभयारण्य भी सैलानियों के बीच काफी प्रसिद्ध है। यहां पर दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं जिससे कि यहां के सुंदर पक्षियों का नजारा ले सकें। यहां पर चारों तरफ आपको हरियाली ही हरियाली देखने को मिलेगी जो कि इस जगह को काफी आकर्षक बनाती है। इसके साथ ही आपको यहां पर एक काफी बड़ा करनाला किला देखने को भी मिलेगा। यदि आप अपने समय का सदुपयोग करना चाहते हैं और किसी अच्छी जगह घूमने का प्लान करना चाहते हैं तो आप इस वन्यजीव अभयारण्य में जा सकते हैं।
विशेषताएं
- यह अभयारण्य रंगीन पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है यहां पर आपको मुर्गा, कौवा, चिड़िया इत्यादि देखने को मिलते हैं।
भामरागढ़ वन्यजीव अभयारण्य
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में स्थित भामरागढ़ वन्यजीव अभयारण्य बहुत ही लोकप्रिय है। यह महाराष्ट्र के कई प्रमुख शहरों के बिल्कुल समीप है और यहां के प्राकृतिक दृश्य भी बहुत सुंदर है, जिसकी वजह से यहां पर साल भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। यहां पर आपको मोर, जंगली सूअर, गिलहरी, तेंदुए जैसे अनेकों वन्यजीव देखने को मिलते हैं। यदि आपको वन्यजीवों से प्रेम है तो यह जगह आपको जरूर पसंद आएगी।
विशेषताएं
- विभिन्न प्रजातियों के जंगली जानवर
- प्राकृतिक सुंदरता के दृश्य
- आम, जामुन, कुसुम जैसे पेड़ों का काफी व्यापक साम्राज्य।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल इसमें हमने आपको महाराष्ट्र के अत्यधिक प्रसिद्ध अभयारण्यों के नामों के बारे में बताया। आपको यह सारे पर्यटन स्थल काफी पसंद आएंगे क्योंकि यहां पर आपको एक नहीं अनेकों प्रकार के ऐसे मनोरम दृश्य देखने को मिलेंगे जो आपको मोहित कर देंगे। इसके अलावा अगर आपको वन्यजीवों से प्यार है तो तब भी आपको घूमने के लिए इन अभयारण्यों में जरूर जाना चाहिए। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दूसरों के साथ अवश्य शेयर करें।
आगे पढ़ें: