वज्रासन करना बहुत ही आसान है और इसके फायदे भी बहुत हैं। क्या आपको पता है की वज्रासन एक ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है। आज हम वज्रासन कैसे करते हैं? वज्रासन के फायदे और नुकसान क्या हैं? और वज्रासन कब करना चाहिए? आदि के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देने वाले हैं।
वज्रासन दो शब्दों से मिलकर बना है, वज्र और आसन। जहाँ वज्र का अर्थ है कठोर या मजबूत, संस्कृत में इसका अर्थ आकाशीय बिजली या हीरा होता है। वज्र उर्जा और कठोरता का प्रतीक है। वज्रासन से हमारे शरीर को मजबूती तो मिलती ही है साथ ही यह उर्जा के प्रवाह को भी व्यवस्थित करती है। इस आसन को खाना खाने के बाद हर रोज करना चाहिए।
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वज्रासन के फायदे? (Vajrasana Benefits in Hindi)
वज्रासन पूरे शरीर के लिए लाभकारी है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह एक स्थिर आसन है और इस आसन में बैठने से ध्यान लगाने में आसानी होती है। इससे मन शांत होता है और मस्तिष्क की चंचलता दूर होती है। वज्रासन के कई फायदे हैं। आइये वज्रासन के लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं:
- प्रतिदिन वज्रासन करने से पाचन शक्ति बढती है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
- खाना खाने के बाद गैस बनने और एसिडिटी की समस्या को दूर करता है।
- इस आसान में बैठने से घुटने, जांघ और पैर मजबूत होते हैं।
- वज्रासन से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर का भी व्यायाम होता है।
- जोड़ों का दर्द, सायटिका और गठिया जैसी समस्याओं से आपको दूर रखता है।
- मोटापा कम करने और वजन घटाने में सहायता करता है।
- मैडिटेशन या ध्यान करने के लिए भी इस आसन में बैठा जा सकता है।
- इस आसन को करना बहुत ही आसान है और इसे कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है।
- महिलाओं की मासिक धर्म सम्बंधित समस्याओं को दूर करता है।
- यह आसन प्रजनन प्रणाली को सशक्त बनाता है।
इस आसन की बारे में एक और अच्छी बात यह है की आप इस आसन में बैठकर और भी कई आसन को कर सकते हैं। आप इस अवस्था में अनुलोम विलोम, कपालभाती आदि प्राणायाम भी कर सकते हैं हाँ लेकिन आपको ध्यान रखना होगा की अन्य आसनों को करते समय आपका पेट खाली होना चाहिए।
वज्रासन कैसे करें? योग विधि
चलिए अब जानते हैं की वज्रासन करने का सही तरीका क्या है:
- सबसे पहले किसी समतल स्थान पर दरी या कोई आसन बिछाकर बैठ जाएँ।
- अब अपने दोनों घुटनों को मोड़कर इस तरह बैठें की पैरों के पंजे पीछे की तरफ हों और घुटने के बल बैठ जाएँ।
- अपने हाथों को घुटनों पर रखें, आपकी हथेली निचे तरफ होनी चाहिए।
- आपका पीठ सीधा होना चाहिए लेकिन उसपर तनाव न हो।
- आपका सर सामने की ओर होनी चाहिए।
- इस स्थिति में आँखें बंद करके अपनी स्वांस पर ध्यान लगायें।
इस आसन को शुरुआत में 2 मिनट से 5 मिनट करें फिर अभ्यास हो जाने पर 30 मिनट तक भी कर सकते हैं।
वज्रासन कब करें?
वैसे तो आसन को खाली पेट किया जाता है लेकिन वज्रासन एक मात्र ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है। खाने के बाद इस आसन को करना सर्वोत्तम माना जाता है। इससे पाचन ठीक तरीके से होता है और अपच, गैस जैसी समस्या नही आती।
खाना खाने के बाद कम से कम 5 मिनट वज्रासन में बैठना चाहिए। आप चाहें तो इसे सुबह-सुबह खाली पेट भी कर सकते हैं।
वज्रासन के नुकसान और सावधानियां
हर आसन हर किसी के लिए उपयुक्त नही होता खासतौर पर जो व्यक्ति बीमार होते हैं या जिनके शरीर में किसी प्रकार की समस्या हो तो उन्हें आसन नही करना चाहिए या विशेष देख रेख में आसन करना चाहिए।
वज्रासन करते समय भी आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे:
- रीढ़ की हड्डी या टखने पर बहुत अधिक तनाव न डालें।
- शुरुआत में दर्द होने पर कम समय के लिए इस आसन को करें।
- जिन्हें रीढ़ की हड्डी में कोई परेशानी हो उसे वज्रासन नही करना चाहिए।
- जिनके घुटने में दर्द हो गठिया की समस्या हो तो इस आसन को नही करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को यह आसन नही करना चाहिए।
- जांघ, पैर, टखने आदि पर चोट लगी हो या ऑपरेशन कराया हो तो इस आसन को न करें।
- शुरुआत में बहुत ही कम समय के लिए वज्रासन की अवस्था में बैठें।
- पैर, टखने या पीठ में दर्द हो तो आसन से हट जाना चाहिए।
हमारी सलाह है की यदि आपको किसी भी प्रकार का रोग है या कोई समस्या है तो आप किसी विशेषज्ञ की देख-रेख और सलाह से ही आसन करें। दर्द या किसी प्रकार की असहजता होने पर आसन को रोककर आराम करना चाहिए।
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वज्रासन के फायदे और नुकसान की यह जानकारी आपको कैसी लगी? हमें जरुर बताएं।
नोट- ऊपर दी गई जानकारी कोई चिकित्सीय सलाह नहीं है। यह जानकारी केवल शिक्षा और सामान्य ज्ञान के उद्देश्य से दी जा रही है।