शीर्षासन के फायदे और नुकसान | Shirshasana Benefits in Hindi

योगासन करने से व्यक्ति के शरीर की बहुत सी परेशानियां दूर हो जाती हैं। योगासन बहुत सारे होते हैं जिनमें से शीर्षासन काफी लोकप्रिय है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे शीर्षासन के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक। इस आसन को अगर सभी योगासनों का राजा कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब कोई व्यक्ति हर दिन शीर्षासन का अभ्यास करता है तो तब उसके शरीर को इससे बहुत सारे फायदे मिलते हैं।

लेकिन इस योग को करते समय बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं जिससे कि शरीर को कोई नुकसान ना हो। अगर आप भी शीर्षासन के लाभ लेना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में सारी बातें पता होनी चाहिए। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।

sirsasana ke fayde or nuksan

शीर्षासन क्या है?

सबसे पहले आपको हम बता दें कि शीर्षासन एक ऐसा योगासन है जिसमें सिर को जमीन पर रख कर, शरीर के सारे भार का संतुलन अग्र भुजाओं के ऊपर किया जाता है। इसे हेडस्टैंड योग मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह काफी प्रसिद्ध और उत्तम योगासन है। इसको हर दिन करने से आपको बहुत सारे रोगों से मुक्ति मिल सकती है। आइये हम इस अभ्यास को करने का तरीका और शीर्षासन की विधि और लाभ के बारे में जानते हैं।

शीर्षासन करने का तरीका 

अब यहां आपको हम बता दें कि हेडस्टैंड यानी कि शीर्षासन को सही तरह से करना बहुत अनिवार्य है वरना आपको इससे बहुत से नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए शीर्षासन करने की विधि और सही प्रकार से इस मुद्रा को करने के बारे में हम आपको निम्नलिखित जानकारी दे रहे हैं

  1. सबसे पहले अपनी योग मेट को बिछा लीजिए। आप चाहें तो आप मोटे तोलिए या फिर कुशन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। 
  2. अब अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा लीजिए और फिर सिर को दोनों हाथों के मध्य कुशन या दरी के ऊपर रख दें। ध्यान रखिए कि आपकी कोहानियां पूरी तरह से जमीन पर हों। 
  3. उसके बाद फिर अपने सिर के ऊपरी हिस्से को कुशन पर रखिए और घुटनों को भी जमीन से टिका दें। 
  4. अब अपनी गर्दन और कोहनी पर अपने सारे शरीर के वजन को डालें और उस पर नियंत्रण करते हुए, अपने पैरों को ग्राउंड लेवल पर सीधा कर लीजिए। 
  5. अब धीरे धीरे अपने एक घुटने को झुकाते हुए उसे सीधा उठा लीजिए। इसी प्रकार से आपको दूसरा पैर भी उठाना है। दोनों पैरों को उठाकर अपने घुटनों को झुका लीजिए। 
  6. उसके बाद बेहद सावधानी से अपने एक एक पैर को ऊपर की ओर उठाने का प्रयत्न करिए। ‌ध्यान रहे कि आपको किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी है। इस बात का ध्यान रखें कि आपको शुरू में अपने पैरों का संतुलन बनाने के लिए उन्हें थोड़ा आगे की और झुकाना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आप पीछे की तरफ गिर सकते हैं।
  7. थोड़ी देर अपनी आंखों को बंद रखें और सामान्य गति से सांस लेते रहें। ‌इस आसन में आपको शुरू में 15 सेकंड के लिए रहना होगा और बाद में आप इसका टाइम 10 मिनट तक बढ़ा दीजिए। 
  8. उसके बाद इस आसन से वापस आने के लिए आपको रिवर्स ऑर्डर में सारे स्टेप्स को फॉलो करना होगा। 
  9. वापस आने के बाद थोड़ी देर के लिए स्वशासन करें। 

अगर आपके लिए यह आसन नया है तो बेहतर होगा कि आप किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस आसन को करें। 

शीर्षासन के फायदे – Shirshasana Benefits in Hindi

जैसा कि हमने आपको बताया कि शीर्षासन के शरीर पर बहुत सारे सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इससे होने वाले फायदों के बारे में जानकारी इस प्रकार से है – 

मस्तिष्क को करता है शुद्ध 

शीर्षासन मुद्रा आपके मस्तिष्क तक शुद्ध रक्त पहुंचाने का काम करता है जिससे कि आपकी आंखों, कानों और नाक के रोग भी दूर हो जाते हैं। यह आपके दिमाग को सक्रिय बनाता है जिससे कि आपकी याददाश्त बढ़ती है। कई लोगों का दिमाग एकाग्र नहीं हो पाता लेकिन इस आसन को अभ्यास करने से व्यक्ति के मस्तिष्क की एकाग्रता बेहतर होती है। 

पाचन तंत्र और लिवर के लिए है लाभदायक 

शीर्षासन शरीर के पाचन तंत्र, लिवर और आंतों को भी हेल्दी बनाता है। यह आपके पेट में बनने वाली गैस से भी आपको छुटकारा दिलाता है और कब्ज जैसी समस्या के लिए भी कारगर है। इस प्रकार से यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को इंप्रूव करके आपकी पाचन शक्ति को बेहतर करता है। 

हर्निया की समस्या से दिलाए छुटकारा

अगर किसी व्यक्ति को हर्निया की प्रॉब्लम है तो यह उसे भी ठीक करता है। इसके अलावा शीर्षासन वेरीकोज नसों और हाइड्रोसिल आदि की सूजन को ठीक करने के साथ-साथ उनकी वृद्धि को भी रोकता है। 

थायराइड और मोटापे से दिलाए राहत

जिन लोगों को थायराइड की समस्या है और वह अपने मोटापे से परेशान हैं तो उन्हें शीर्षासन करना चाहिए। यह आसन थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करने का काम करता है।‌ इस प्रकार से शरीर से मोटापा भी कम हो जाता है और अगर शरीर में कमजोरी है तो वह भी कम होती है। जानकारी के लिए बता दें कि जो लोग थायराइड से पीड़ित होते हैं उनमें थकान और कमजोरी जैसी समस्या काफी आम है। लेकिन अगर वह नियमित रूप से शीर्षासन करें तो वो इस परेशानी से राहत पा सकते हैं। 

शीर्षासन के फायदे बालों के लिए

आजकल हर इंसान की जीवनशैली काफी गलत बन चुकी है जिसकी वजह से शरीर में कमजोरी आने के साथ-साथ बालों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस वजह से बहुत से लोगों के बाल समय से पहले ही सफेद हो जाते हैं या फिर अत्यधिक रूप से गिरने लगते हैं। ऐसे में शीर्षासन इस समस्या से छुटकारा लेने के लिए रामबाण की तरह काम करता है। 

शरीर की हड्डियां बनाता है मजबूत

शीर्षासन नियमित रूप से करते रहने से आपके शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके कंधों, हाथों, पैरों की हड्डियों के साथ-साथ आपकी रीढ़ की हड्डियां भी मजबूत रहें तो हर दिन इस आसन का अभ्यास करें। 

शीर्षासन से होने वाले नुकसान

वैसे तो शीर्षासन के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन अगर ठीक तरह से इस आसन को ना किया जाए तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि –

  • बहुत से लोग शीर्षासन को बिना योग शिक्षक के करते हैं जिसकी वजह से उनसे बहुत सी गलतियां हो जाती हैं जो शरीर को हानि पहुंचाती हैं।
  • शीर्षासन करते समय गर्दन का विशेषतौर से ख्याल रखना चाहिए क्योंकि गर्दन पर चोट लगने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। ‌
  • यदि कोई व्यक्ति बहुत दिनों तक इस आसन को ठीक से नहीं करता है तो तब उसकी गर्दन में गठिया बन सकती है। इसलिए गलत तरह से कभी भी इस मुद्रा को नहीं करना चाहिए।
  • इसके अलावा रेटिनाल आंसू और गर्दन में तंत्रिका संपीड़न की समस्या भी व्यक्ति को हो सकती है। 

शीर्षासन की सावधानियां – किन लोगों को नहीं करना चाहिए 

  • जिन लोगों की आयु 50 साल से अधिक है उन्हें शीर्षासन ना करने के लिए कहा जाता है। 
  • जिन लोगों को कब्ज, कफ और सर्दी की समस्या रहती है उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • यदि किसी को हृदय रोग है तो उसे भी शीर्षासन ना करने की सलाह दी जाती है। 
  • अगर किसी के सिर में, गर्दन में या फिर कंधों में चोट है तो उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिए। 
  • जिनकी पीठ में दर्द रहता है उन्हें भी शीर्षासन करने से बचना चाहिए।
  • यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कमजोरी है तो उसे भी इस मुद्रा को नहीं करना चाहिए।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान और गर्भावस्था में यह योगासन नहीं करना चाहिए। 

निष्कर्ष 

सभी योगासनों में शरीर को स्वस्थ बनाने में शीर्षासन का महत्व बहुत अधिक है। हाँ यह आसन थोड़ा कठिन है लेकिन निरंतर अभ्यास से आप इसे आसानी से कर पायेंगे। शीर्षासन के फायदे और नुकसान के इस लेख में हमने आपको योगासन से संबंधित सारी बातें बताई। हमें पूरी उम्मीद है कि आपके लिए शीर्षासन के बारे में यह सारी जानकारी काफी हेल्पफुल रही होगी। यदि फिर भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट करके उसके बारे में पूछ सकते हैं। 

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Disclaimer: शीर्षासन के बारे में ऊपर दी गयी जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है। शीर्षासन हमेशा योग शिक्षक या प्रशिक्षित व्यक्ति की देखरेख में करें।

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