बालासन योग के लाभ, कैसे करें? Balasana Benefits in Hindi

बालासन एक बहुत ही सरल योगासन है जिसे कोई भी किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है। यह योगासन करने में बहुत ही आसान तो है ही लेकिन इसके फायदे भी कई सारे हैं। बच्चे, बुजुर्ग, नौजवान कोई भी इसे कर सकता है लेकिन बालासन करने से पहले आपको यह आर्टिकल पढ़ लेना चाहिए।

इस आर्टिकल में हमने बालासन की विधि और लाभ के बारे में बताया है साथ ही बालासन योग करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इस बारे में भी बताया गया है। आइये जानते हैं बालासन योग कैसे करें।

बालासन क्या है?

बालासन दो शब्दों से मिलकर बना है: बाल और आसन जहाँ बाल का मतलब है बच्चा या शिशु और आसन का मतलब मुद्रा। इस आसन में हमारी मुद्रा ठीक उस तरह होती है जैसे की एक भ्रूण अपनी माँ के पेट में होता है। इस आसन शिशुआसन भी कहा जाता है। यह आरामदायक आसन है और अक्सर लोग इसे व्यायाम करने के बाद या बीच में विश्राम करने के लिए करते हैं।

यह आसन प्रभावशाली है और इसका प्रभाव हमारे कमर, पीठ, घुटने, जांघ और पूरे शरीर पर पड़ता है। शरीर के साथ-साथ यह हमारे मन को भी आराम देता है और मस्तिष्क को शांत करता है।

बालासन के लाभ – Balasana Benefits in Hindi

बालासन योग करने के फायदे कई सारे हैं, इस आसन को करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से लाभ मिलते हैं। आइये बालासन के लाभ के बारे में जानते हैं:

  • बालासन से पीठ को आराम मिलता है।
  • गर्दन दर्द को ठीक करता है।
  • शरीर को आराम देता है और दिमाग को शांत करता है।
  • कब्ज की समस्या में राहत मिलती है।
  • मानसिक तनाव और हलके अवसाद में लाभकारी है।
  • कमर, टखने, जांघो की स्ट्रेचिंग के लिए बढ़िया आसान है।
  • पीठ दर्द में इस आसन से आराम मिलता है।
  • शरीर के रक्तप्रवाह को ठीक करता है।
  • पीठ, कंधे और गर्दन के तनाव को कम करता है।
  • शरीर को लचीला बनाता है।

बालासन योग कैसे करें?

निचे हम बालासन की विधि बता रहे हैं जिसे ध्यानपूर्वक पढ़ें:

  1. सबसे पहले घुटने के बल (वज्रासन में) बैठ जाएँ।
  2. कूल्हे को एड़ी पर रखें और घुटने को कूल्हे जितनी चौड़ाई तक फैला लें।
  3. आगे की तरफ झुकें और अपना माथा जमीन पर लगायें।
  4. अपनी बांहों को आगे की तरफ बढ़ाएं और हथेलियाँ जमीन पर टीकाएँ।
  5. जितना आगे जा सकते हैं जाएँ और अपने कंधो को आराम दें।
  6. अब आप बालासन की अवस्था में हैं, इस स्थिति में आराम करें।
  7. अपनी सांसों को सामान्य रखें और इस अवस्था में बने रहें।
  8. बालासन को 30 सेकंड से 5 मिनट तक कर सकते हैं।

इसके बाद अपने शरीर के उपरी भाग को धीरे से उठायें और वापस वज्रासन की मुद्रा में आ जायें फिर सामान्य अवस्था में आ जाएँ।

बालासन करते समय सावधानियां

वैसे तो यह बहुत ही सरल और सहज आसन है और यह सुरक्षित भी है लेकिन विशेष परिस्थियों में आपको यह आसन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहियें। जैसे:

  • गर्भवती महिलाओं को यह आसन नही करना चाहिए।
  • अगर दस्त की समस्या हो तो बालासन न करें।
  • इस आसान को करते समय अपनी क्षमता से अधिक जोर न लगायें।
  • घुटने, एडी या पैर में चोंट लगी हो या ऑपरेशन हुआ हो तो इस योगासन को नही करना चाहिए।
  • यदि पीठ में चोंट लगी हो तो भी इस आसन को न करें।
  • अगर हड्डियों से सम्बंधित कोई समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही बालासन योग करें।

योग करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के लाभ मिलते हैं। किसी भी प्रकार का योगासन करते समय हमें उससे जुडी सावधानियों के बारे में पता होना चाहिए। हमें किसी प्रशिक्षित योगा ट्रेनर की देखरेख में योगासन करना चाहिए।

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हमें उम्मीद है की बालासन कैसे करते हैं, बालासन के क्या लाभ हैं इस बारे में दी गयी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।

इस आर्टिकल को योगासन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से लिखी गयी है। ऊपर दी गयी जानकारी किसी भी प्रकार की चिकित्सा या दवा का विकल्प नही है। शारीरिक कष्ट की स्थिति में अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही आसान करें।

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