बैठकर किए जाने वाले आसनों के नाम और उनके लाभ के बारे में आज हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं। योगासन एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसके द्वारा शरीर को निरोगी और हेल्दी रखा जा सकता है। आज से ही नहीं बल्कि प्राचीन समय से ही योग को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से योगासन की प्रैक्टिस करता है तो उसे शारीरिक लाभ मिलने के साथ-साथ मानसिक फायदे भी मिलते हैं।
योगासन करने के लिए हमें किसी विशेष उपकरण या सामान की जरुरत नही होती। हम इसे आसानी से अपने घर के कमरे में भी कर सकते हैं। आज हम ऐसे बैठकर करने वाले आसन और उनके लाभ की जानकारी देने वाले हैं जिन्हें आप बड़ी आसानी से कहीं भी कर सकते हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि योग के अंदर जो मुद्राएं होती हैं वह एक नहीं बल्कि अनेकों हैं। इस प्रकार से योग मुद्रा का अपना अलग-अलग फायदा है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे बेहतरीन बैठने वाले आसन जो बैठकर किए जाते हैं। इसलिए अगर आप खुद को निरोगी रखना चाहते हैं तो आज के इस लेख को अंत तक पढ़े और जाने बैठकर किए जाने वाले आसनों के नाम और उनके फायदे के बारे में जानकारी।
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योगासन का क्या अर्थ है?
योगासन एक शारीरिक व्यायाम है जिस के अनेकों रूप हैं। यह किसी भी व्यक्ति को मानसिक तौर पर और शारीरिक तौर पर काफी हेल्दी बनाता है। आज इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर इंसान तनाव जैसी समस्याओं से पीड़ित है तो ऐसे में वह योगासन करके खुद को तनाव रहित कर सकता है।
पुराने जमाने में ऋषि मुनि योग की मुद्राओं में ध्यान किया करते थे। इस वजह से सालों साल वह पूरी तरह से फिट रहा करते थे। वैसे आपको बता दें कि योग ना केवल एक्सरसाइज है बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा आप अपने शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा आपको बता दें कि अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर लचीला और शक्तिशाली बने तो आपको इसके लिए नियमित रूप से योग करना चाहिए।
बैठकर करने वाले आसन – विडियो
बैठकर करने वाले आसन और लाभ
योगासन कई प्रकार के होते हैं और सभी के फायदे भी अलग-अलग होते हैं। कुछ मुद्राएँ ऐसी होती हैं जिन्हें करना कठिन होता है तो कुछ आसन ऐसे भी हैं जिन्हें आप आसानी से कर सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे बेहतरीन योगासन के बारे में जिन्हें आप बैठकर कर सकते हैं। उनके बारे में जानकारी इस प्रकार से है –
1. पद्मासन (lotus pose)
पद्मासन को बैठकर किया जाता है और इसे लोटस पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने की प्रक्रिया इस तरह से है –
- सबसे पहले आप जमीन पर योग मेट या फिर दरी बिछाकर बैठ जाएं।
- अब आप अपने दाएं पैर को बाएं पैर की जांघ के ऊपर रख दें।
- इसी तरह से बाएं पैर को अपने दाएं पैर की जांघ पर रखें।
- उसके बाद फिर अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनों के ऊपर रख दें। अपनी तर्जनी उंगली को अंगूठे के बीच की रेखा पर टिका दें और जो आपकी बाकी तीन उंगलियां हैं उन्हें बिल्कुल सीधा रखें।
- थोड़ी देर आंखें बंद करके इस मुद्रा में बैठे रहें।
पद्मासन के लाभ
पद्मासन नियमित रूप से करने से शरीर की स्थिरता बढ़ती है। इसके अलावा यह शरीर की एकाग्रता को भी बढ़ाने में लाभदायक है। किसी व्यक्ति के शरीर में अगर पित्त और कफ की समस्या हो तो उसे भी दूर करने में मददगार है। घुटने, टखने और जोड़ों को लचीला बनाता है, पाचनक्रिया को ठीक करता है, साइटिका में आराम देने और मासिकधर्म को नियमित करने के लिए यह एक अच्छा आसन है।
2. बालासन (Child Pose)
बालासन भी शरीर के लिए काफी लाभदायक है इसको करने का तरीका इस प्रकार से है –
- सबसे पहले दरी बिछाकर घुटनों के बल जमीन के ऊपर बैठ जाइए।
- आप अपने सारे शरीर का भार अपनी एड़ियों के ऊपर डाल दीजिए।
- इस मुद्रा में आने के बाद गहरी सांस भरते हुए अब आप सामने की तरफ धीरे-धीरे झुकिए।
- ध्यान रखिए कि आपका सीना आपकी जांघो को टच करना चाहिए। आपको धीरे-धीरे फर्श को छूना है।
- थोड़ी देर ऐसे ही रहें और फिर वापस आ जाएं।
बालासन के लाभ
बालासन करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होने के साथ-साथ पेट की चर्बी कम होती है। यह योग नियमित करने से शरीर सुडौल और स्वस्थ बनता है।
बालासन की अधिक जानकारी के लिए पढ़ें: बालासन योग के लाभ और सावधानियां
3. सुखासन (Easy Pose)
बैठकर किए जाने वाले आसनों में सुखासन का नाम भी आता है। इस आसन को करने का तरीका इस प्रकार से है –
- सबसे पहले योग मेट बिछा लीजिए। अब आप आलथी पालथी की मुद्रा में बैठ जाइए।
- फिर आपको अपने दोनों पैरों को एक दूसरे के ऊपर लाना है। अब अपने दोनों पैरों को खींचकर नीचे की तरफ लेकर आएं।
- अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों के ऊपर रख दीजिए।
- आपके कंधे पूरी तरह से आरामदायक स्थिति में होने चाहिए और आपकी छाती ऊपर की तरफ तनी हुई हो। थोड़ी देर इसी मुद्रा में बैठे रहें।
सुखासन के लाभ
सुखासन करने से शरीर लचीला होता है। इसके अलावा मन को शांति भी इस आसन के द्वारा मिलती है।
4. वज्रासन (Thunderbolt Pose)
वज्रासन एक ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है आइये इसकी विधि के बारे में जानते हैं:
- किसी समतल स्थान पर दरी या कोई आसन बिछाकर बैठ जाएँ।
- अब अपने दोनों घुटनों को मोड़कर इस तरह बैठें की पैरों के पंजे पीछे की तरफ हों।
- अपने दोनों हाथों की हथेली घुटने पर रखें।
- आपका पीठ सीधा होना चाहिए लेकिन उसपर तनाव न हो।
- आपका सर सामने की ओर होनी चाहिए।
- आँखें बंद करके अपनी स्वांस पर ध्यान लगायें।
वज्रासन के लाभ
वज्रासन से पाचन शक्ति बढती है, गैस, एसिडिटी, अपच आदि को ठीक करता है। मोटापा कम करने और घुटने, पैर और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद है।
अधिक जानकारी के लिए यह पढ़ें: वज्रासन के फायदे और नुकसान | कैसे करें? कब करें? विधि
5. दण्डासन (Staff Pose)
दण्डासन करना बहुत ही आसन है आइये इसकी विधि के बारे में जानते हैं:
- आराम से बैठ जाएँ और अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाएं।
- दोनों हाथों को आपने कूल्हे के बगल में जमीन पर रखें।
- अपनी पीठ और गर्दन को सीधा रखें।
- पैर की उँगलियों को अपनी तरफ खीचने का प्रयास करें।
- इस मुद्रा में 20 सेकंड से एक मिनट तक रहें।
दण्डासन के लाभ
दण्डासन से रीढ़ की हड्डियाँ और मांसपेशियां मजबूत होती हैं, पाचन क्षमता बढ़ती है, इसके नियमित अभ्यास से मन शांत रहता है।
6. तितली आसन (Butterfly Pose)
इस आसन में हमें तितली के सामान अपने पैरों को हिलाना होता है इसलिए इसे तितली आसन या बटरफ्लाई पोज़ कहते हैं। आइये जानते हैं तितली आसन कैसे करें:
- सबसे पहले समतल स्थान पर बैठ जाएँ
- दोनों घुटनों को मोड़ें और पंजों को आपस में मिलाएं
- अब घुटनों को ऊपर निचे तितली के पंख की तरह हिलाएं
- कुछ मिनटों तक इस आसन का अभ्यास करें
तितली आसन से लाभ
तितली आसन के अभ्यास से मानसिक तनाव दूर होता है, पैरों को मजबूती मिलती है, मोटापा कम करता है और शरीर को लचीला बनाता है।
7. पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि:
- सबसे पहले जमीन पर सीधा बैठ जाएँ।
- अपने दोनों पैर सामने की ओर सीधा रखें दोनों पैरों के बीच दूरी नही होनी चाहिए।
- अब घुटनों पर हथेली रखें और सर को सामने की ओर झुकाएं।
- अब धीरे से अपनी हथेलियों से पैर के अंगूठे को पकड़ें।
- अपना सिर घुटने पर टीकाने का प्रयास करें।
- अपनी कोहनियों को जमीन पर रखें।
- इस अवस्था में कुछ समय तक रहें।
- फिर वापस सामान्य अवस्था में आ जाएँ।
- इसे 3-4 बार दोहरायें।
पश्चिमोत्तानआसन के फायदे:
इस आसन के अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है, रीढ़ की हड्डियों में लचीलापन लाता है, पाचन सम्बन्धित समस्याओं को ठीक करता है, अनिंद्रा जैसी समस्या में भी यह कारगर है।
8. जानुशिरासन (Head-to-Knee Pose)
जानुशिरासन करने की विधि:
- जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को आगे की और सीधा रखें।
- बाएं पैर को मोड़ें और पंजे को दायें पैर के जांघो पर टीकाएँ और एड़ी को गुदा द्वार के नजदीक रखें।
- अब आगे की तरफ झुकें और दोनों हाथों से दायें पैर के पंजों को पकड़ें का प्रयास करें।
- अपने सिर को घुटने पर टिकाने का प्रयास करें।
- कुछ समय तक रुकें फिर वापस सामान्य अवस्था में आ जाएँ।
- फिर दुसरे पैर से इसी अभ्यास को दोहरायें।
जानुशिरासन के लाभ
जानुशिरासन से पेट और जांघों की चर्बी दूर होती है। पेट के सभी रोगों में लाभ देता है। कब्ज दूर करता है और पाचन शक्ति बढाता है। रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। मूत्र रोग, प्रजनन अंगों, प्रोस्टेट ग्रंथि के सभी रोगों में लाभकारी है।
9. तुलासन (Scale Pose)
तुलासन करने की विधि:
- सबसे पहले आराम से बैठ जाएँ।
- बाएं पैर को मोड़कर दायें पैर की जांघ और जाएँ पैर को बाएं पैर की जांघ पर रख दें।
- अब दोनों हाथों को जमीन पर रखें और दबाकर शरीर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- घुटनों को छाती के नजदीक लाने का प्रयास करें।
- कुछ समय तक इसी मुद्रा में बने रहें।
तुलासन के फायदे
यह पेट के लिए एक बेहतरीन आसन है इससे पेट की चर्बी कम होती है, पाचन में सुधार होता है। हाथों को मजबूत बनाता है। एब्स के लिए बेहतरीन है।
10. मत्स्येंद्रासन (Fish Pose)
मत्स्येंद्रासन भी बैठकर किए जाने वाला एक आसन है और इस आसन को इस प्रकार से किया जाता है –
- सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाइए।
- अब अपने दाएं पैर को बाएं पैर के घुटने के बिल्कुल बराबर में खड़ा कर दीजिए।
- अपना दायां हाथ आपको दाएं साइड पर जमीन के ऊपर रखना है।
- ध्यान रहे कि आपके दाएं हाथ की सारी उंगलियां पीछे की ओर होनी चाहिए।
- अब आप अपने दाएं घुटने को क्रॉस करते हुए अपने दाएं पैर की उंगलियों को हाथ से पकड़ने की कोशिश करें।
- यदि आपको पैर की उंगलियां पकड़ने में समस्या हो रही है तो ऐसे में आप अपना घुटना पकड़ लीजिए।
- अब सांस छोड़ें और अपनी कमर और कंधे की दाएं तरफ सिर को घुमाते हुए पीछे देखें।
- आपकी पीठ पूरी तरह पीछे मुड़ी होनी चाहिए।
- थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहने के बाद वापस आ जाइए।
मत्स्येंद्रासन के लाभ
मत्स्येंद्रासन करने के एक नहीं अनेकों लाभ है जैसे कि यह आप की रीड की हड्डी और कमर को मजबूत करता है। अगर आपकी कमर के आसपास चर्बी है तो वह भी घट जाती है। मधुमेह की बीमारी कंट्रोल होती है और कब्ज की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
आगे पढ़ें:
- तितली आसन के फायदे और नुकसान
- अधोमुखश्वानासन के लाभ, कैसे करें?
- शीर्षासन के फायदे और नुकसान
- 100 योगासन के नाम चित्र सहित
बैठकर किये जाने वाले आसन के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न – FAQ
Q: बैठकर किए जाने वाले आसन कौन कौन से होते हैं?
Ans: बैठकर किए जाने वाले आसन बहुत सारे हैं जैसे कि पद्मासन, बालासन, सुखासन, गोमुखासन, वक्रासन इत्यादि।
Q: क्या बैठकर किए जाने वाले आसन कोई भी कर सकता है?
Ans: जी हां लेकिन एक बार अपने योग ट्रेनर से जरूर पूछ लें।
Q: हर दिन कितनी देर के लिए योग करना चाहिए?
Ans: कम से कम आधा घंटा।
Q: बैठकर किए जाने वाले आसनों के क्या फायदे होते हैं?
Ans: इन आसनों के फायदे एक नहीं अनेकों हैं जिससे आपका शरीर हेल्दी और रोगों से मुक्त होता है।
Disclaimer: ऊपर दी गयी जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है इन योगासनों को करने से पहले किसी योगा ट्रेनर या विशेषज्ञ से सलाह ले लेवें।