जनसंख्या वृद्धि पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | जनसंख्या विस्फोट पर निबंध

आज हम जनसँख्या वृद्धि पर निबंध लेकर आये हैं। जनसँख्या विस्फोट आज के समय में बहुत बड़ा मुद्दा है और इस समस्या पर विचार करना आवश्यक है। निचे हमने जनसंख्या वृद्धि पर निबंध 100,150, 250, 500 शब्दों में दिया है। यह जनसँख्या विस्फोट पर निबंध आपके काम आ सकता है।

भारत की बढ़ती जनसंख्या देश के लिए एक गंभीर समस्या है। जनसंख्या वृद्धि केवल खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति और आवास की उपलब्धि के लिए समस्या नही है बल्कि यह हमारे पर्यावरण को भी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।

इस समय हमारे देश की जनसंख्या तकरीबन एक अरब 30 करोड़ के लगभग है जो कि विकसित देशों के मुकाबले में कई गुना ज्यादा है। जनसंख्या विस्फोट देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए भी बाधा है। इतने बड़े देश में प्रति व्यक्ति को खाद्य संसाधन और आवास उपलब्ध कराना सबसे जटिल चुनौती है यही कारण है कि दिन-प्रतिदिन भारत में महंगाई, प्रदूषण और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।

हालांकि इस समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए कई सारे उपाय हैं जिसपर आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हैं। आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि जनसंख्या वृद्धि क्या है और इस पर नियंत्रण कैसे पाएं ?

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध 100 शब्दों में

हमारे देश में दिन प्रतिदिन जनसंख्या बढ़ती जा रही है जो हर साल आबादी एक करोड़ से भी ज्यादा बढ़ जाती है। यह भी एक कारण है जिसकी वजह से हमारा देश दूसरे देशों की तुलना में विकास के क्षेत्र में पीछे है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विकास में बाधा बनती दिखाई दे रही है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण इस समय भारत में बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से हमारे देश की जनसंख्या को गरीबी का सामना करना पड़ रहा है। यह एक गंभीर समस्या है जिसपर हम सभी को विचार करना चाहिए और समस्या को कम करने के लिए उपाय खोजने चाहिए।

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध 150 शब्दों में

जनसंख्या वृद्धि हमारे भारत देश के अलावा पूरी दुनिया के लिए एक समस्या का विषय है। जिससे कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, प्रदूषण जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

साथ ही आज के समय में जनसंख्या वृद्धि के कारण लोगों को घंटों लाइनों में खड़ा होना पड़ता है रेलवे स्टेशन, बस अड्डा हो अस्पताल हो या फिर कोई धार्मिक स्थल हो इन सभी जगहों पर जनसंख्या वृद्धि के कारण विशाल भीड़ लगती है। जिसकी वजह से कई बार जरुरतमंद लोगों को सुविधाएँ भी नही मिल पाती।

जन्म दर बढ़ने के कारण जनसंख्या वृद्धि के मामले में चीन के बाद हमारा भारत दूसरे स्थान पर है जहां जनसंख्या अधिक से अधिक पाई जाती है।

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध 250 शब्दों में

प्रस्तावना

वर्तमान समय में जनसंख्या वृद्धि एक विकराल समस्या बन चुकी है जिससे निपटने के लिए जल्द से जल्द जरुरी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। आज हमे ही नही बल्कि कई देशों को जनसंख्या वृद्धि के कारण ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और जनसंख्या वृद्धि के कारण ही लोगों को खाना,पीना, और रहने की भी समस्या हो रही है।

प्राकृतिक संसाधनों को बढ़ती हुई जनसंख्या प्रभावित करती है

बढ़ती जनसंख्या प्राकृतिक संसाधनों को भी प्रभावित करती है प्राकृतिक सौंदर्य अस्तित्व के लिए बढ़ती जनसंख्या अभिशाप बन चुकी है। और बढ़ती जनसंख्या के कारण ही पर्यावरण दिन प्रतिदिन दूषित होता जा रहा है जिससे अनेक प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं और उन्हीं बीमारियों से पीड़ित बढ़ती जनसंख्या हो रही है।

जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में भी रुकावट पैदा कर रही है जिससे लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है जनसंख्या वृद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जिससे लोगों को रोटी-कपडा-मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है।

बढ़ती जनसंख्या के कारण भारत के अलावा और भी कई देश जनसंख्या को लेकर अपनी सीमा पार कर चुके हैं जिसकी वजह से अशिक्षा, आर्थिक मंदी, स्वास्थ्य सेवाओं में कमी जैसी समस्या पाई जा रही है।

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना

हमारा भारत एक विकासशील देश है जनसंख्या स्तर में हमारा भारत दूसरे स्थान पर है और लोगों की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है। जनसंख्या वृद्धि में पहले स्थान पर चीन है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है की जल्द ही भारत जनसंख्या वृद्धि में चीन को पछाड़कर सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। जो कि हमारे देश के लिए एक विकट समस्या का कारण होगा और इसके भयंकर दुष्परिणाम होंगे।

जनसंख्या वृद्धि के कारण

जनसंख्या वृद्धि के कारण इस प्रकार हैं –

अशिक्षा

भारत में आज भी अशिक्षा व्याप्त है आज भी ऐसे कई इलाके हैं जहां पर शिक्षा की बहुत कमी है उस जगह के नागरिकों को जनसंख्या वृद्धि के विषय में जागरूक करना अति आवश्यक है। क्योंकि बढ़ती जनसंख्या हमें संकट में डाल सकती है।

जन्मदर

लगातार जनसँख्या बढ़ने का मुख्य कारण जन्मदर में लगातर बढ़ोतरी होना है। जनसँख्या बढ़ने के साथ मानव जन्मदर भी बढ़ रहे हैं और इससे आबादी और ज्यादा बढ़ रही है।

जागरूकता में कमी

जनसंख्या वृद्धि के कारण मानव जीवन पर क्या-क्या दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं लोगों में इस बात की जागरूकता नही है। जिसकी वजह से लोग अधिक संताने पैदा करते हैं और जनसँख्या वृद्धि के कारण बनते हैं।

वंश वृद्धि

आज भी लोगों को अपना वंश बढ़ाने के लिए लड़का चाहिए होता है यह छोटी और रुढ़िवादी सोच आज भी नहीं बदली है जिसकी वजह से बेटा की चाहत में कई संताने पैदा कर देते हैं।

मृत्यु दर में कमी

स्वास्थ्य सेवाओं का विकास भारत में बड़ी तेजी से हुआ है सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के द्वारा फ्री में स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं जिसके चलते मृत्यु दर में कमी आ गई है।

जनसंख्या वृद्धि के दुष्प्रभाव –

  • पर्यावरण पर प्रभाव
  • संसाधनों में कमी
  • खाद्यान्नों पर प्रभाव
  • सामाजिक प्रभाव
  • बेरोजगारी में वृद्धि

जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय –

  • विवाह की उम्र बढ़ाना
  • महिलाओं को शिक्षित करना
  • परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाना
  • जागरूकता फैलाना
  • यौन शिक्षा

जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव

हमारे देश को जनसंख्या वृद्धि कई प्रकार से प्रभावित कर चुका है जो निम्नलिखित इस प्रकार से हैं –

  • प्राकृतिक संसाधनों की जनसंख्या वृद्धि के कारण अधिक से अधिक खपत हो रही है।
  • दिन प्रतिदिन जनसंख्या में वृद्धि होती जा रही है जिसके कारण बेरोजगारी की समस्या इस समय चरम सीमा पर है।
  • स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पानी, सिंचाई आदि सभी आवश्यकताओं पर सरकार को अधिक से अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
  • बेरोजगारी और गरीबी के कारण कम उम्र के बच्चे भी अपने शिक्षा को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
  • जनसंख्या वृद्धि औद्योगिक विस्तार और अर्थव्यवस्था मैं वृद्धि को प्रभावित करता जा रहा है।
  • व्यय की छमता को बेरोजगारी कम कर देती है जिससे परिवारों ने बचत को मूलभूत आवश्यकता पर खर्च किया है और अपने बच्चे के अच्छी शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते हैं।

आगे पढ़ें:

हमें उम्मीद है की यह जनसँख्या वृद्धि पर निबंध जरुर आपके काम आएगी। आपको जनसँख्या विस्फोट पर निबंध कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं।

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