क्या कोई मुर्गा बिना सिर के जिन्दा रह सकता है वो भी एक दिन नही पूरे डेढ़ साल तक। यकीन नही होता न लेकिन यह बात बिलकुल सच है। आज हम आपको एक ऐसे मुर्गे के बारे में बताने वाले हैं जो की बिना सिर के 18 महीनो तक जीवित रहा।
बात मेसा काउंटी देश के फ्रुइटा शहर की है, जहाँ 10 दिसम्बर 1945 को मुर्गी फार्म चलाने वाला लॉयड नाम का एक व्यक्ति अपनी पत्नी क्लारा के साथ हमेशा की तरह मांस के लिए मुर्गों को काट रहा था। व्यक्ति मुर्गों का गला काटता जाता और महिला उसकी सफाई करती जाती थी।
गला काटने के बाद चाँद मिनटों में मुर्गे अपना दम तोड़ देते थे लेकिन उनमे से एक मुर्गा ऐसा भी था जो की गला कट जाने के बाद भी इधर-उधर दौड़ रहा था।
लॉयड ने उसे पकड़ कर एक डिब्बे में बंद कर दिया उसे लगा की वह मर जाएगा लेकिन जब अगली सुबह उसने डिब्बा खोला तो वह आश्चर्यचकित रह गया, मुर्गा अभी भी जिन्दा था।
यह अपने आप में एक अनोखी घटना थी जिसकी खबर आग की तरह फैलने लगी, दूर-दूर से लोग आने लगे, अखबारों में तस्वीरें छपने लगीं, मीडिया रिपोर्टर्स इंटरव्यू के लिए आने लगे और Mike नाम के बिना सर के इस मुर्गे को Miracle Mike के नाम से जाना जाने लगा।
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मुर्गे को दाना पानी देने के लिए लॉयड ने एक तरीका निकाला था जिसमे वह एक आई ड्रॉपर की मदद से खाना सीधे उसके गले के अंदर डाला जाता था और इसी तरह बिना सर के वह मुर्गा 18 महीने यानी की डेढ़ साल तक जिन्दा रहा।
Miracle Mike (मुर्गे) की मौत कैसे हुई?
माइक के मौत के पीछे भी एक कहानी है। यह मुर्गा बहुत प्रसिद्ध हो गया था जिसे देखने के लिए लोग पैसे देने के लिए भी तैयार थे और जगह-जगह कार्यक्रम में इन्हें बुलाया जाता था।
लॉयड दंपत्ति उस मुर्गे के साथ शहर-शहर घूमने लगे और माइक की वजह से हर महीने 45,00 डॉलर कमाने लगे। इन 18 महीनो में वे US के लगभग हर शहर में जा चुके थे।
आखरी बार जब वे एरिज़ोना के फ़ीनिक्स शहर की यात्रा में थे तब माइक की मौत हो गयी। वे रात को एक मोटेल में ठहरे हुए थे तभी लॉयड दंपत्ति को माइक की छटपटाने की आवाज सुनाई दी, वे उसे खाना खिलाना भूल गये थे और तभी उन्हें याद आया की वे जिस आई ड्रॉपर से खाना खिलाते थे उसे वे एक शो में भूल गए हैं और जब तक की वे कुछ कर पाते माइक ने अपना दम तोड़ दिया था।
माइक की याद में उसकी एक मूर्ति बनवाई गयी है जो की आज भी कोलोराडो के फ्रुइता शहर में स्थित है इसके अलावा माइक की स्मृति में हर साल जून के महीने में Headless Chicken Festival भी मनाया जाता है।
आखिर माइक बिना सर के कैसे जिन्दा था?
माइक का गला तो कटा हुआ था लेकिन गले का नस सुरक्षित था और थक्के की वजह से खून भी बहना रुक गया था। उसके सिर के कुछ भाग जैसे मस्तिष्क की नसें और एक कान अभी भी शरीर से लगे हुए थे और शरीर को जिन्दा रखने के लिए मूलभूत कार्य जैसे साँस लेना, दिल धड़कना आदि भी सुचारू रूप से चल रहे थे जिसकी वजह से माइक 18 महीनो तक बिना सिर के भी जीवित रहा।