आज हम आपके लिए बेरोजगारी पर निबंध लेकर आये हैं, आज बेरोजगारी की समस्या बेहद गंभीर है इस विषय पर हमने निचे 100 शब्दों में, 150, 250 शब्दों में और 500 शब्दों में हिंदी निबंध लिखा हुआ है जो की आपके काम आ सकती है।
Contents
बेरोजगारी पर निबंध
प्रस्तावना:
आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं क्योंकि उनके पास अपनी जीविका चलाने के लिए कोई काम धंधा नहीं है। यह ऐसा गंभीर मुद्दा है जिसको अगर सुलझाया ना जाए तो दिन पर दिन इससे लोग प्रभावित होते रहेंगे।
किसी भी देश की प्रगति तब तक संभव नहीं है जब तक वहां पर उचित रोजगार के अवसर ना हो। हमारी भारत सरकार हालांकि भारत से बेरोजगारी दूर करने के लिए बहुत से तरीके अपना रही है लेकिन बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण अभी भी भारी संख्या में लोग बेरोजगारी से जूझ रहे हैं।
बेरोजगारी बढ़ने के कारण:
हमारे देश में बेरोजगारी बढ़ने के कई सारे कारण हो सकते हैं उसमे कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- शिक्षा का अभाव
- जनसंख्या वृद्धि
- कौशल की कमी
- सरकारी नौकरी की इच्छा
- स्वरोजगार के लिए जागरूक नहीं होना
- व्यवसाय के लिए पूंजी और जानकारी का आभाव
आज के समय में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या अधिक है उसका सबसे बड़ा कारण कौशल की कमी है। देश की शिक्षा व्यवस्था कुछ इस प्रकार है कि उसमें लोगों की कौशल विकास पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता जिसकी वजह से लोग नौकरी की तलाश करते हैं और स्वरोजगार के लिए तैयार नहीं हो पाते।
बेरोजगारी पर निबंध 100 शब्दों में
वर्तमान समय में हमारे देश में ऐसी स्थिति बनी हुई है कि ज्यादातर लोग बेरोजगार हैं। देखा जाए तो बेरोजगारी किसी भी देश के लिए अभिशाप से कम नहीं है क्योंकि इससे सभी लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बेरोजगारी की वजह से किसी भी इंसान का जीवन खुशहाल नहीं हो सकता क्योंकि इसके साथ गरीबी और भुखमरी जैसी परेशानियां भी जन्म लेती हैं। हमारे देश में आज ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको उनकी योग्यता के अनुसार काम नहीं मिलता और ऐसे में उन्हें कोई छोटा मोटा काम करके गुजारा करना पड़ता है।
बहुत से युवाओं को तो नौकरी मिलती ही नहीं है जिसकी वजह से उनका जीवन काफी दुखदायी हो जाता है। इसके पीछे एक नहीं अनेकों कारण है जैसे की जनसंख्या का तेजी से बढ़ना, नौकरी पर अधिक निर्भर होना, मशीनीकरण, शिक्षा की कमी, कुटीर उद्योग में गिरावट इत्यादि।
बेरोजगारी पर निबंध 150 शब्दों में
भारत में बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और यह समस्या बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। वैसे तो बेरोजगारी की समस्या के पीछे बहुत सारे कारण हैं लेकिन शिक्षा और कौशल की कमी एक बड़ी वजह है जिससे भी हर दिन बेरोजगारी में वृद्धि हो रही है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए भारत सरकार ने बहुत से कदम भी उठाए हैं लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल पायी है।
वैसे तो भारत की गिनती विकासशील देशों में होती है लेकिन यहां बेरोजगारी ने अपने कदम जमाए हुए हैं। किसी भी देश के लिए बेरोजगारी में वृद्धि होना काफी खतरनाक होता है क्योंकि यह उसके विकास और उन्नति में काफी बुरा प्रभाव डालती है।
बेरोजगारी दूर करने के उपाय
बेरोजगारी जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं –
- जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहिए।
- केवल नौकरी पर निर्भर नही रहना चाहिए लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना चाहिए।
- सरकार को चाहिए कि सभी वर्गों के लिए उचित रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराए।
- देश की शिक्षा और व्यवस्था को बेहतरीन तरीके से चलाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
- शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सिमित नही होनी चाहिए बल्कि कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) पर ध्यान देना चाहिए।
- औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवाई जा सके।
बेरोजगारी पर निबंध 250 शब्दों में
बेरोजगारी की समस्या आम बन चुकी है जिसकी चपेट में हमारा पूरा देश आया हुआ है। देश का हर दूसरा तीसरा व्यक्ति बेरोजगार है। हजारों लाखों लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल की हुई है लेकिन फिर भी वो बेरोजगार हैं। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अधिक पढ़ाई करने के बाद भी लोग चपरासी जैसी छोटी मोटी नौकरियां करके गुजारा कर रहे हैं।
बेरोजगारी के मुख्य कारण
देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी के अनेकों कारण हैं जिनमें से मुख्य कारण इस प्रकार से हैं –
- लोगों में शिक्षा की कमी है जिसकी वजह से उन्हें रोजगार के नए अवसरों का लाभ नहीं मिल पाता।
- लोग स्वरोजगार के लिए जागरूक नही हैं सिर्फ नौकरी पाने की होड़ लगी हुई है।
- भारत में औद्योगिकरण की गति काफी धीमी है जिसकी वजह से केवल कुछ ही लोगों को नौकरी के अवसर मिलते हैं।
- देश में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रही है ऐसे में रोजगार के उपलब्ध साधन सीमित हैं जिसकी वजह से बेरोजगारी में भी तीव्रता आ रही है।
- बहुत से लोगों की सरकारी नौकरी करने की चाह होती है जिसकी वजह से अगर उन्हें कोई अच्छी प्राइवेट नौकरी मिलती भी है तो वो उसमें रुचि नहीं लेते। लेकिन सरकारी नौकरी के लिए जो कंपटीशन होता है उसमें भारी संख्या में लोग भाग लेते हैं और नौकरी केवल चुनिंदा लोगों को ही मिलती है। यह भी एक बहुत बड़ा कारण है बेरोजगारी को बढ़ाने के पीछे।
बेरोजगारी के मुख्य प्रकार
बेरोजगारी आमतौर पर दो तरह की होती है जो कि इस प्रकार से है –
- स्वैच्छिक बेरोजगारी – स्वैच्छिक बेरोजगारी का मतलब होता है जब किसी इंसान को काम तो मिल जाए लेकिन उसकी काम करने की बिल्कुल भी इच्छा ना हो। ऐसे लोग किसी भी काम को करने के अधीन नहीं होते हैं और इसके अलावा वह अपने काम से किसी भी तरह का कोई भी समझौता नहीं करते।
- अनैच्छिक बेरोजगारी – अनैच्छिक बेरोजगारी कई तरह की होती है जैसे कि मौसमी बेरोजगारी, टेक्निकल बेरोजगारी, शिक्षित बेरोजगारी, पुरानी बेरोजगारी, संरचनात्मक बेरोजगारी और आकस्मिक बेरोजगारी।
बेरोजगारी पर निबंध 500 शब्दों में
बढ़ती हुई बेरोजगारी किसी भी देश के लिए बहुत ही ज्यादा चिंता की बात है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि देश में लोगों के पास रोजगार नहीं होगा तो ऐसे में खुशहाली भी नहीं होगी। जब लोगों की मूलभूत जरूरतें भी पूरी नहीं होती और उनके पास रोजगार भी नहीं होता तो ऐसे में उनके जीवन पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
भारत में बेरोजगारी के जो आंकड़े हैं वो लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। यह हमारे देश के लिए एक अत्यधिक चिंता का विषय है क्योंकि जिस तरह से बीते कुछ सालों में बेरोजगारी की दर में उछाल आया है वो काफी गंभीर विषय है।
बेरोजगारी का क्या अर्थ है
बेरोजगारी का मतलब होता है कि जब कोई बहुत ज्यादा कुशल और प्रतिभाशाली व्यक्ति किसी कारणवश उचित नौकरी हासिल नहीं कर पाता तो तब यह स्थिति बेरोजगारी को जन्म देती है।
भारत में बेरोजगारी को जन्म देने वाले कारक
हमारे देश भारत में बेरोजगारी को जन्म देने वाले कारक निम्नलिखित इस प्रकार से हैं –
- हमारे देश भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से देश में बेरोजगारी भी बढ़ रही है।
- देश का आर्थिक विकास भी काफी धीमी गति से हो रहा है जिसकी वजह से लोगों को रोजगार के मौके बहुत ही कम मिल रहे हैं और ऐसे में बेरोजगारी की दर में वृद्धि हो रही है।
- मौजूदा समय में कुटीर उद्योग के उत्पादन में काफी ज्यादा गिरावट आई है और कहीं ना कहीं यह भी बेरोजगारी का एक बड़ा कारण है।
- भारत में तकनीकी उन्नति काफी धीमी गति से हो रही है और इस वजह से भी बेरोजगारी बढ़ रही है।
- बहुत से लोग अपनी शिक्षा बीच में ही अधूरी छोड़ देते हैं और इस वजह से उन्हें नौकरी के उचित अवसर नहीं मिल पाते।
- कुछ लोग सरकारी नौकरी करने के चक्कर में भी बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं।
बेरोजगारी से उत्पन्न होने वाली समस्याएं
बेरोजगारी से उत्पन्न होने वाली कुछ समस्याएं इस प्रकार से हैं –
- बढ़ती हुई बेरोजगारी गरीबी को जन्म देती है।
- लोगों के पास यदि रोजगार नहीं होगा तो ऐसे में वह अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अपराध करने लगेंगे।
- बेरोजगारी की वजह से व्यक्ति मानसिक तनाव में रहने लगता है जिसके काफी घातक परिणाम हो सकते हैं क्योंकि व्यक्ति इतना परेशान हो जाता है कि वह आत्महत्या तक भी कर लेता है।
बेरोजगारी दूर करने के उपाय
हालांकि बेरोजगारी को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है लेकिन इसे कुछ कोशिशों के द्वारा काफी हद तक कम किया जा सकता है –
- ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लघु उद्योगो को और छोटे छोटे बिजनेस को बढ़ावा देना चाहिए।
- देश की बढ़ती हुई जनसंख्या पर काबू करना चाहिए।
- सरकार को चाहिए कि वह स्वरोजगार जैसी योजनाओं के द्वारा नागरिकों की सहायता करे।
- भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसलिए जरूरी है कि यहां की खेती बाड़ी में सुधार होना चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
- पुराने समय से जो शिक्षा नीति चली आ रही है उसमें बदलाव करना भी जरूरी है। छात्रों को व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा देने पर ज्यादा से ज्यादा जोर होना चाहिए।
बेरोजगारी पर 10 लाइन निबंध
- वर्तमान समय में बढती हुई बेरोजगारी सभी देशों के लिए एक बहुत ही बड़ी समस्या है।
- बेरोजगारी के साथ गरीबी और भुखमरी जैसी परेशानियां भी जन्म लेती हैं।
- जनसंख्या बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से देश में बेरोजगारी भी बढ़ रही है।
- अशिक्षा, अयोग्यता और रोजगार के अवसर की कमी वजह से बेरोजगारी बढ़ रही है।
- आजकल शिक्षित बेरोजगारी भी लगातार बढ़ रही है इसका मुख्य कारण लोग स्वरोजगार की जगह नौकरी पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।
- सरकार को चाहिए कि वह स्वरोजगार जैसी योजनाओं के द्वारा नागरिकों की सहायता करे।
- कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
- औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवाई जा सके।
- जनसँख्या नियंत्रण के लिए उचित प्रबंध करने चाहिए।
- लघु और कुटीर उद्योगों के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिये।
बेरोजगारी पर निबंध PDF Download
आप इस निबंध को PDF में भी डाउनलोड कर सकते हैं इसके लिए निचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें:
आगे पढ़ें:
- आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
- जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
- वायु प्रदूषण पर निबंध
- परोपकार पर निबंध
- समय का महत्व पर निबंध
निष्कर्ष
दोस्तों बेरोजगारी पर निबंध के इस आर्टिकल में हमने आपको बेरोजगारी से संबंधित सारी जानकारी दी। हमें पूरी उम्मीद है कि आपके लिए यह आर्टिकल काफी लाभदायक रहा होगा। हमारे इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।