प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और चित्र एवं उपयोग | Chemistry Lab Equipment List in Hindi

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और उपयोग के बारे में जानकारी। जैसा कि आपको पता ही होगा कि स्कूलों और कॉलेजों में विज्ञान की एक प्रयोगशाला होती है। इस प्रयोगशाला में अलग-अलग प्रकार के रासायनिक और जैविक परिक्षण किये जाते हैं। जहाँ विद्यार्थियों और अध्यापकों को अलग-अलग प्रकार के उपकरणों के संपर्क में आना पड़ता है। ‌निचे हमने ऐसे ही प्रयोगशाला उपकरणों की सूची दी है।

इसके अलावा बहुत से रिसर्च वर्क में भी वैज्ञानिक प्रयोगशाला में उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। वैसे प्रयोगशाला में अध्ययन के लिए विशेष सामग्री की जरूरत पड़ती है। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि प्रयोगशाला में कौन-कौन से उपकरण इस्तेमाल किए जाते हैं और उनका क्या उपयोग होता है। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रयोगशाला उपकरणों की सूची और इससे संबंधित सारी आवश्यक जानकारी दे रहे हैं। ‌

प्रयोगशाला उपकरण क्या है?

प्रयोगशाला के उपकरण वो होते हैं जिनका उपयोग किसी भी रासायनिक कार्य को करने के दौरान किया जाता है। इसके अलावा किसी भी पदार्थ को रखने के लिए भी अलग-अलग प्रकार के उपकरणों की जरूरत पड़ती है। अगर प्रयोगशाला में उपकरण ना हो तो कोई भी व्यक्ति अपना परीक्षण का कार्य ठीक प्रकार से नहीं कर सकता। ये उपकरण ना केवल किसी भी परीक्षण को करने में मदद करते हैं बल्कि दुर्घटना से भी व्यक्ति के शरीर को बचाते हैं। 

प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और चित्र

प्रयोगशाला में कई प्रकार के उपकरण का उपयोग किया जाता है जिनमे से कुछ मुख्य उपकरणों के चित्र और उनके नाम निचे दिए हैं।

प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और चित्र

प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और उपयोग

यहां हम कुछ मुख्य प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और उनके उपयोग के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो कि  निम्नलिखित इस प्रकार से हैं – 

बीकर

बीकर बेलनाकार आकृति वाले होते हैं और इन्हें बोरोसिलिकेट ग्लास से बनाया जाता है। बीकर का तल पूरी तरह से सपाट होता है और ऊपर की तरफ छेद होते हैं और एक टोंटीं लगी होती है। इसके चारों तरफ एक रिम लगा होता है जिसका काम किसी भी लिक्विड पदार्थ को डालने में सहायता करना होता है।

टेस्ट ट्यूब 

यह एक छोटी पारदर्शी आधार वाली ट्यूब होती है और इसका मुख्य काम किसी भी तरल या ठोस की मात्रा को मापने का होता है। इसे परीक्षण ट्यूब के नाम से जाना जाता है। ‌इसके अलावा एक दूसरी टेस्ट ट्यूब भी होती है जो बिना आधार वाली होती है। ‌ इसका इस्तेमाल विश्लेषण या फिर प्रयोग करने के लिए किसी भी तरल पदार्थ के नमूने डालने के लिए किया जाता है। ‌

रैक/ ग्रिड

जब टेस्ट ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है तो यह जरूरी होता है कि उन्हें किसी निश्चित स्थान पर रखा जाए। इसलिए रैक या ग्रिड का इस्तेमाल टेस्ट ट्यूब्स को रखने के लिए किया जाता है। इस तरह से जो भी नमूने अलग-अलग टेस्ट ट्यूब में होंगे उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। ‌

माइक्रोस्कोप 

प्रयोगशाला में माइक्रोस्कोप काफी काफी ज्यादा महत्व होता है। हालांकि पहले के समय में माइक्रोस्कोप प्रयोगशाला में नहीं हुआ करता था लेकिन बाद में इस उपकरण का इस्तेमाल सभी लैब में किया जाने लगा। छोटी छोटी चीजों का परीक्षण करने के लिए माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। 

पेट्री डिश

यह एक गोल कंटेनर होता है और यह पारदर्शी होती है। ‌इसके ऊपर ढक्कन लगा होता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल बैक्टीरिया, ऊतकों और कोशिकाओं के नमूने को एकत्रित करने के लिए किया जाता है। 

भंडारण स्लाइड 

यह स्लाइड मुख्य रूप से एक छोटा और पतला सा कांच या फिर एक प्लास्टिक के प्लेट जैसा होता है। इसके अंदर छोटे-छोटे सैंपल रखकर उनका विश्लेषण किया जाता है जैसे कि खून की बूंद को इस पर रखकर फिर उसे माइक्रोस्कोप से देखा जाता है। 

ड्रॉपर 

ड्रॉपर का इस्तेमाल प्रयोगशाला में किसी पदार्थ को बूंद बूंद करके डालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह आमतौर पर कांच या प्लास्टिक के सिलेंडर से बना हुआ होता है। इसके एक तरफ छोटा सा नोजल लगा हुआ होता है और दूसरी साइड पर एक रबड़ का होल्डर लगा होता है। 

पिपेट

पिपेट अलग-अलग साइज के होते हैं और इनका इस्तेमाल आमतौर पर तरल पदार्थ की मात्रा को मापने के लिए और कंटेनर में रखने के लिए होता है। देखने में यह बिल्कुल संकरें कांच के बेलनाकार पाइप जैसे होते हैं। 

ब्यूरेट 

ब्यूरेट का काम होता है कि किसी भी तरल की मात्रा को निर्धारित करना। इस प्रकार से यह इंस्ट्रूमेंट टेस्ट्यूब और फनल के बीच मिश्रण के जैसा होता है। ‌इसके अंदर तरल पदार्थ को पारित करने के लिए एक हैंडल या फिर स्टॉपकॉक लगा होता है।

फ्लास्क

प्रयोगशाला में कई तरह के फ्लास्क का भी इस्तेमाल किया जाता है। इनका काम किसी भी सामग्री को धीरे-धीर से गर्म करना होता है। इनकी गर्दन लंबी होती है और इनका तल गोल बना हुआ होता है। इन्हें आमतौर पर बोइलिंग फ्लास्क के नाम से भी जाना जाता है। 

फनल

प्रयोगशाला में एक नहीं कई प्रकार के फनल इस्तेमाल किए जाते हैं। अलग-अलग तरल पदार्थ या फिर मिश्रण से ठोस पदार्थ को अलग करने के लिए फनल का प्रयोग किया जाता है। 

चिमटी 

प्रयोगशाला में चिमटी का उपयोग बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि किसी भी विशिष्ट उपकरण को पकड़ने के लिए या किसी नमूने के तत्वों का स्थानांतरण करने के लिए चिमटी की जरूरत पड़ती है। 

थर्मामीटर 

किसी पदार्थ का तापमान मापने के लिए थर्मामीटर की जरूरत पड़ती है। बहुत सी बार जब प्रयोगशाला में कोई रासायनिक या फिर जैविक प्रतिक्रिया होती है तो तब उसका तापमान मापना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है क्योंकि एक विशेष तापमान की सीमा में ही आगे का परीक्षण का कार्य होता है। 

दस्ताने

प्रयोगशाला में दस्ताने भी काफी उपयोगी होते हैं। लेकिन इसके लिए लेटेक्स दस्तानों का उपयोग किया जाता है। इन्हें हाथों में इसलिए पहना जाता है ताकि किसी भी रसायन का हाथों पर सीधा संपर्क ना हो सके। ‌ कई बार किसी रसायन या फिर एसिड से हाथों की त्वचा को नुकसान पहुंच जाता है इसलिए लेटेक्स दस्ताने पहनना जरूरी होता है।

सेफ्टी गॉगल्स

प्रयोगशाला में कई बार किसी धुएं या रसायन से बचने के लिए सेफ्टी गॉगल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं कई बार अचानक से किसी एसिड या फिर रसायन की छींट आंखों में पड़ जाती है जिसकी वजह से व्यक्ति अंधा भी हो सकता है। तो इसलिए सेफ्टी गोगल्स पहनना बेहतर रहता है। 

आगे पढ़ें:

दोस्तों प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और चित्र एवमं उनके उपयोग के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि प्रयोगशाला के उपकरण क्या होते हैं। इसके साथ ही साथ हमने आपको बताया कि प्रयोगशाला के उपकरण का उपयोग क्या होता है। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह लेख आपके लिए बहुत ज्यादा हेल्पफुल रहा होगा। ‌अगर आपको हमारे द्वारा बताई गई ये सारी जानकारी हेल्पफुल लगी हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें जो प्रयोगशाला के उपकरण के नाम और उपयोग के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं। 

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