आज हम आपको गिलहरी के बारे में कुछ अनोखी और रोचक जानकारियाँ (Information About Squirrel In Hindi) बताने वाले हैं जिनमे से कुछ तथ्य ऐसे भी होंगे जिनके बारे में आपको शायद ही पता होगा।
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गिलहरी के बारे में रोचक तथ्य और मजेदार बातें – Facts about Squirrel in Hindi
1. गिलहरी के आगे के दाँत हमेशा बढ़ते रहते हैं।
2. गिलहरी अपने अखरोट छिपाकर जमीन के अंदर छिपा कर भूल भी जाते हैं।
3. सन 2007 में ईरान ने 14 गिलहरियों को गिरफ्तार कर लिया था क्योंकि की वे बॉर्डर इलाके में जासूसी कर रहे थे।
4. कई बार देखा गया है की ये अपने अखरोट को अन्य गिलहरियों से बचाने के लिए उन्हें जमीन में गाड़ने का नाटक भी करते हैं।
5. ओक के पेड़ के विस्तार में गिलहरी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वे जमीन में एकोर्न संग्रहित करते हैं, लेकिन उनमें से लगभग 70 प्रतिशत को ही उपयोग कर पाते हैं, बाकि भूल गए एकोर्न पेड़ों के रूप में विकसित हो जाते हैं ।
6. दुनियाभर में गिलहरियों की लगभग 285 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
7. इनकी प्रजातियाँ अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर हर महाद्वीप में पाए जाते हैं।
8. वे सर्दियों के मौसम में गर्म रहने के लिए अपना वजन बढ़ा लेते हैं।
9. जो काम हैकर नही कर पाते वो गिलहरियों ने कर दिखाया, 10 दिसंबर 1987 को एक गिलहरी ने बिजली लाइनों को चबाकर 82 मिनट के लिए नैस्डैक (शेयर मार्किट) को बंद कर दिया था, जिससे लगभग 20 मिलियन शेयरों का व्यापार बंद हो गया था।
10. एक नवजात गिलहरी लगभग एक इंच लंबी होती है।
Information About Squirrel In Hindi (11-20)
11. नर गिलहरी एक मील दूर से ही गंध सूंघकर मादा का पता लगा सकता है।
12. जब ये कूदते हैं, या गिरते हैं, तो संतुलन बनाने के लिए अपनी पूंछ का उपयोग करते हैं इसके अलावा ये पैराशूट के रूप में भी अपनी पूँछ का इस्तेमाल करते हैं।
13. गिलहरी की सबसे बड़ी प्रजाति भारतीय विशाल गिलहरी (Indian giant squirrel) है, जो की 36 इंच (1 मी) तक लंबी हो सकती है। सबसे छोटी गिलहरी की प्रजाति अफ्रीकी पेगी गिलहरी है जो की लम्बाई में 2 से 5 इंच (7-13 सेमी) तक होते हैं।
14. गिलहरियों के सामने के पैरों पर 4 पंजे होते हैं और पिछले पैरों पर 5 पंजे होते हैं जो बेहद नुकीले होते हैं और पेड़ की छाल पर चढ़ते हुए पकड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
15. गिलहरियाँ 30 मीटर ऊंचाई से बिना किसी चोट के गिर सकते हैं।
16. बेबी गिलहरी केवल अपनी माँ के मुँह में पेशाब और शौच करतीं हैं ताकि माँ इसे अपने घोसले से दूर फेंक सके ताकि गंध से शिकारियों को उनके घोंसले का पता न चल पाए।
17. गिलहरी की आँखें कुछ इस तरह से बनी होती हैं की वे अपने पीछे की ओर भी देख सकते हैं।
18. गिलहरी 20 फीट की दूरी तक छलांग लगा सकती है।
19. गिलहरी क्या खाती है? गिलहरी ज्यादातर अखरोट, बीज और फल खाती हैं, लेकिन खाने की कमी होने पर ये कीड़े, घोंघे, पक्षी के अंडे और जानवरों के शवों को भी खा लेते हैं।
20. गिलहरी एक ऐसा जीव है जो की सर निचे और पूँछ उपर की तरफ रख कर पेंड से निचे उतर सकतीं हैं।
Information About Squirrel In Hindi (21-30)
21. ‘उड़न गिलहरी’ की 44 प्रजातियाँ हैं। इनके शरीर पर पंखनुमा एक झिल्ली होता है जो की उनके कलाई से पैर तक फैला होता है।
22. उडन गिलहरी वास्तव में उड़ नही सकतीं बल्कि ये पंख की तरह दिखने वाले झिल्ली का उपयोग करके ग्लाइड करती हैं। यह ठीक उसी तरह से है जैसे मनुष्य पैराशूट की सहायता से ऊंचाई से निचे आता है।
23. उड़न गिलहरी का वैज्ञानिक नाम क्या है? इसे वैज्ञानिक भाषा में टेरोमायनी (Pteromyini) या पेटौरिस्टाइनी (Petauristini) कहा जाता है।
24. गिलहरी विभिन्न अलग-अलग आवाजों और गंधों को पहचान कर एक दूसरे के साथ संवाद करती हैं। संभावित खतरे के लिए अन्य गिलहरियों को सतर्क करने के लिए वे सिग्नलिंग डिवाइस के रूप में अपनी पूंछ का उपयोग करते हैं।
25. ब्रिटेन जैसे ठंडे क्षेत्रों में, गिलहरी चुनौतीपूर्ण सर्दियों के महीनों में जीवित रहने के लिए योजना बनाती है। वे विभिन्न स्थानों पर नट और बीज जमा करते हैं और पूरे सर्दियों में भोजन के रूप में उनका उपयोग करते हैं।
26. गिलहरी बहुत भरोसेमंद जानवर हैं, ऐसी बहुत ही कम जंगली जानवरों की प्रजातियां हैं जो किसी व्यक्ति के छूने पर उसे नुकसान न पहुंचाए।
27. उड़न गिलहरी कौन से अभ्यारण में पाई जाती है? अगर अभ्यारण्य की बात करें तो सबसे ज्यादा उड़न गिलहरी राजस्थान के सीतामाता अभ्यारण्य में पाए जाने की बात कही जाती है, लेकिन हाल ही में किये गये एक सर्वेक्षण में पाया गया है की सबसे ज्यादा फुलवारी की नाल अभयारण्य में ये प्रजाति पाई जाती हैं।
28. यह भी देखा गया है की कभी-कभी गिलहरियाँ दूसरे गिलहरी द्वारा छोड़ दिए गये बच्चे को गोद भी ले लेती हैं।
29. गिलहरी लगभग बीस साल तक जीवित रह सकती है।
30. गिलहरी के पैर में double-joint होता है जो की उनके पेड़ों पर जल्दी से चढ़ने की क्षमता को बढ़ता है