दहेज प्रथा पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Dahej Pratha Essay in Hindi

दहेज प्रथा पर निबंध: वैसे तो हमारे समाज में प्राचीन काल से अलग-अलग प्रकार की प्रथाएं चल रही है l समाज में कुछ प्रथा ऐसी हैं, जो समय के साथ-साथ खत्म हो चुकी हैं या जिन में बदलाव किया जा चुका है। लेकिन हमारे समझ में कुछ प्रथा ऐसी हैं, जो आज तक हमारे समाज में फैली हुई है। दहेज प्रथा इसी प्रथा में से एक है। दहेज प्रथा के कारण हर वर्ष हजारों लड़कियां अपनी जान गवा देती है।

आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको दहेज प्रथा पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में बताने वाले हैं। यदि आप भी दहेज प्रथा के बारे में निबंध लिखना चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण होगी। हमने इस पोस्ट के जरिए दहेज प्रथा पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में लिखी है।

दहेज प्रथा पर निबंध 10 लाइन में

  1. दहेज प्रथा एक सामाजिक कुरीति है जिसे दूर करना आवश्यक है।
  2. दहेज प्रथा समाज के विकास में एक बहुत बड़ी बाधा है।
  3. शादी के समय लड़के वाले लड़की पक्ष से धन या कीमती चीजों की मांग करते हैं इसे ही दहेज कहा जाता है।
  4. दहेज प्रथा एक बहुत ही पुरानी प्रथा है जिसे दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।
  5. दहेज प्रथा की वजह से अक्सर लड़की पक्ष को आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  6. दहेज़ की परंपरा कई बार बेटियों के साथ शारीरिक व मानसिक शोषण का कारण बनती है।
  7. इस प्रथा के कारण बहुत सी बेटियां अपने अधिकारों से वंचित रहती हैं।
  8. दहेज प्रथा के कारण बहुत सी बेटियों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है।
  9. हमारे देश में दहेज़ लेना और देना कानूनन अपराध है फिर भी यह समस्या खत्म नही हो रही है
  10. समाज के हर वर्ग में इस प्रथा को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

दहेज प्रथा पर निबंध 100 शब्दों में

हम सभी जानते ही हैं कि भारत में जब भी किसी लड़की की शादी होती है, तो लड़की पक्ष की ओर से लडके वालों को दहेज दिया जाता है। सामान्य शब्दों में दहेज का अर्थ यह होता है, जब लड़की वाले शादी में लड़के वालों को जेवर, कपड़े, घर का सामान, वहान, पैसे और अन्य चीजें देते हैं, उसे दहेज कहा जाता है।

दहेज के कारण लड़की पक्ष को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दहेज की प्रथा पुराने समय से ही चल रही है और अब तक सदियों से चल रही दहेज प्रथा समाप्त नहीं हो रही है। दहेज प्रथा के कारण लड़कियों पर बहुत ज्यादा अत्याचार भी किए जाते हैं। जिसके मामले अक्सर समाचार पत्र या सोशल मीडिया के माध्यम से हम देखते ही रहते हैं।

दहेज प्रथा पर निबंध 150 शब्दों में

दहेज प्रथा भारत की सबसे पुरानी प्रथाओं में से एक है। दहेज प्रथा राजा-महाराजाओं के काल से ही भारत में चलती आ रही हैं। दहेज प्रथा के कारण महिलाओं को हमेशा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर वर्ष हजारों महिलाएं दहेज प्रथा का शिकार होती हैं और महिलाओं को दहेज प्रथा के कारण शारीरिक और मानसिक रूप से भी परेशान किया जाता है।

कई महिलाएं ऐसी हैं, जो दहेज प्रथा के कारण अपनी जान गवा देती हैं। वैसे तो सरकार की ओर से दहेज प्रथा को रोकने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सभी प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल पाई है। हमारे समाज में जब लड़की का जन्म होता है, उसी समय से माता-पिता को दहेज की फिक्र सताने लगती है। जो मध्यम वर्गीय परिवार हैं, उनमें दहेज के कारण लड़कियों को काफी ज्यादा परेशान किया जाता है।

दहेज प्रथा पर निबंध 250 शब्दों में

जिस प्रकार से समय बदल रहा है, महिलाओं की दशा में पहले के मुकाबले में सुधार आता जा रहा है। लेकिन कुछ बुराइयां ऐसी भी हैं, जो हमारे समाज में खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। हमारी समाज में दहेज प्रथा के कारण पढ़ी लिखी लड़कियों को भी प्रताड़ित किया जाता है। हर मां-बाप यह चाहता है कि उसे अच्छे ससुराल पर ले।

लेकिन जो मां बाप के द्वारा लड़की को पढ़ा लिखा कर शादी की जाए और दहेज देने के बाद भी लड़की को ससुराल में तंग किया जाए, तो उन मां-बाप पर क्या गुजरती होगी। आए दिन दहेज के लालची लोगों के द्वारा ससुराल में लड़कियों को काफी परेशान किया जाता है। मार पिटाई की जाती हैं और कुछ लोग तो इतने नीच होते हैं कि वह लड़की को जिंदा जला कर भी मार देते हैं।

हमारे समाज में दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए काफी आंदोलन भी किए गए हैं। लेकिन यह बुराई मिटने का नाम नहीं ले रही है। हमारे समाज में पढ़े-लिखे लोगों को आगे आना चाहिए और दहेज के खिलाफ साथ मिलकर कोई कदम उठाना चाहिए ताकि महिलाओं की दुर्दशा ना हो।

दहेज प्रथा पर निबंध 500 शब्दों में

यदि आप दहेज प्रथा पर निबंध 500 शब्दों में लिखना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा बताए जा रहे निबंध को पढ़कर अच्छे से अपनी भाषा में निबंध लिख सकते हैं या फिर हमारे द्वारा बताए गए निबंध को अच्छे से समझ कर, अपने स्कूल में खोज कॉलेज में एक्सप्लेन कर सकते हैं।

प्रस्तावना

हमारे समाज में दहेज प्रथा आज से नहीं बल्कि सदियों से चल रही है। जब लड़की की शादी में लड़की के मां-बाप लड़के वालों को रूपये, घर का सामान, जेवर, कपड़े और अन्य कीमती सामान देते हैं, तो उसे दहेज प्रथा कहा जाता है। दहेज़ की वजह से वधु पक्ष पर आर्थिक और मानसिक दबाव बढ़ जाता है।

यह एक सामजिक कुरीति है जिसे दूर करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए कानून भी बनाये गये हैं और लोगों को इससे बचने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इसके बावजूद भी यह समस्या पूरी तरह से खत्म नही हुई है।

दहेज प्रथा के नुकसान

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दहेज प्रथा के कारण लड़कियों को मानसिक और शारीरिक रूप से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चलिए हम आपको एक-एक करके सभी जानकारी विस्तार से देते हैं।

शारीरिक और मानसिक शोषण:

दहेज के लालची लोगों के द्वारा जब लड़की के घरवालों से अपना मनपसंद दहेज नहीं मिल पाता है, तो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू किया जाता है। लड़की को मारा-पीटा जाता है और मानसिक रूप से भी परेशान किया जाता है।

आत्महत्या:

हमारे समाज में दहेज प्रथा दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है। आए दिन दहेज से तंग आकर कई महिलाएं अपनी जान भी दे देते हैं ‌। सोशल मीडिया पर काफी खबरें सामने आती है, जिसमें महिला ससुराल वालों के द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार के कारण अपनी जान दे देते हैं। कुछ ससुराल पक्ष के लोग ऐसे होते हैं, जो महिलाओं को मार देते हैं।

लड़की पक्ष में तनाव:

जब ससुराल पक्ष की ओर से लड़की के घर वालों पर दहेज का दबाव बनाया जाता है, तो लड़की के घरवाले काफी ज्यादा तनाव में आ जाते हैं। कुछ परिवार बहुत ज्यादा करीब होते हैं इसीलिए वे लड़की की शादी में ज्यादा दहेज नहीं दे पाते हैं। दहेज के लालची लोग लड़की के घरवालों पर दया नहीं करते हैं और वह उन्हें दहेज देने के लिए दबाव बनाते रहते हैं। जिसके कारण लड़की पक्ष वाले काफी ज्यादा तनाव में आ जाते हैं और कोई गलत कदम उठा लेते हैं।

समाज के विकास में बाधा:

समाज में कई ऐसी मानसिकताएं और कुरीतियाँ होती हैं जिसकी वजह से समाज आगे नही बढ़ पाता। कुरीतियों की वजह से समाज का एक वर्ग पीछे रह जाता है और उनका विकास नही हो पाता। दहेज़ प्रथा जैसी कुरीतियाँ अक्सर महिलाओं और बेटियों के अधिकार का हनन करती हैं और उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं। समाज के विकास में पुरुषों के साथ महिलाओं का भी बराबर योगदान होता है। लेकिन यदि महिलाओं की स्वतंत्रता पर बाधा डाली जाए तो इससे समाज के विकास पर प्रभाव पड़ता है।

दहेज प्रथा पर निबंध

आगे पढ़ें:

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखे गए दहेज प्रथा पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में अच्छे से समझ आ गया।

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