आज हम आपको धरती पर मौजूद 51 शक्तिपीठ के नाम और स्थान बताने वाले हैं। ये शक्तिपीठ अलग-अलग स्थानों पर माता सती के 51 अंगों के गिरने से बने हैं। आज इस आर्टिकल में हम उन्ही 51 शक्तिपीठों की सूची देने वाले हैं और वर्तमान ये कौन-कौन से जगहों पर स्थित हैं इसके बारे में भी बताने वाले हैं।
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51 शक्तिपीठ के नाम और स्थान व जानकारी
हिंदू धर्म में 51 शक्तिपीठों को ज्यादा महत्व दिया गया है जिनमें से 18 को मध्यकालीन हिंदू ग्रंथों में महा (प्रमुख) के रूप में चिन्हित किया गया है। इन शक्तिपीठों के पीछे देवी सती के आत्मदाह की कथा है। शक्तिपीठ की कथा के अनुसार देवी सती ने अपने पिता राजा दक्ष के द्वारा भगवान शिव के अपमान किये जाने पर अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए थे। शिवजी ने देवी सती के मृत्यु के शोक में रूद्र तांडव किया जिसमें देवी सती का शरीर 51 हिस्सों में बिखर कर पृथ्वी पर गिर गया और इसी से दुनिया के 51 पवित्र स्थल बने।
कथा के अनुसार शिव जी के तांडव से पृथ्वी पर प्रलय की स्थिति उत्पन्न होने लगी. पृथ्वी समेत तीनों लोकों को व्याकुल देखकर भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र के द्वारा माता सती शरीर को 51 हिस्सों में काटना पड़ा था जो पृथ्वी पर 51 अलग-अलग जगहों पर जा गिरे और ये स्थान पवित्र स्थल बन गए।
आमतौर पर 51 शक्तिपीठों को मान्यता प्राप्त है इसके अलावा देवी भागवत पुराण में 108, दुर्गा राप्त सती और तंत्रचूड़ामणि में 52, कालिका पुराण में 26 व शिवचरित्र में 51 शक्तिपीठों की संख्या बताई गई है। देवी पुराण के अनुसार, मुख्य 51 शक्तिपीठों को स्थापित किया गया है और यह सभी पावन तीर्थ स्थल माने जाते हैं। तो चलिए इन सबके बारे में आगे बात करते हैं।
51 शक्तिपीठों की सूची (List)
वर्तमान में 51 शक्तिपीठ भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है। आइये इन सभी 51 शक्तिपीठों की सूची और उनके स्थान के बारे में जानते हैं।
उत्तर प्रदेश के शक्तिपीठ स्थल
प्रयाग – प्रयाग में स्थित अक्षयवट के निकट ललिता देवी का एक मंदिर स्थापित है जिसे विद्वानों द्वारा शक्तिपीठ माना गया है। कुछ विद्वानों द्वारा यहां के आलोपी मंदिर को भी शक्तिपीठ की संज्ञा दी गई है। अन्य मान्यता के आधार पर मीरापुर में ललिता देवी का शक्तिपीठ है इस स्थान पर देवी सती के हाथ की अंगुलियां गिरी थी। इस शक्तिपीठ की शक्ति ललिता और भैरव हैं।
- नाम – अलोपी देवी मंदिर
- स्थान – प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
- शक्ति – ललिता और भैरव
वृंदावन – मथुरा में भूतेश्वर स्थान पर शक्तिपीठ है। इस स्थान को चामुंडा कहा जाता है जो मथुरा वृंदावन के बीच भूतेश्वर नाम के रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। इस जगह पर देवी जी के बाल के गुच्छे और चूड़ामणि गिरे थे।
- नाम – श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर
- स्थान – भूतेश्वर, उत्तर प्रदेश, भारत
- शक्ति – उमा और भैरव भूतेश
वाराणसी – वाराणसी (बनारस) स्थित मीर घाट पर देवी के दाहिने कान की बाली गिरी थी। धर्मेश्वर महादेव मंदिर के निकट विशालाक्षी माता का मंदिर है। यहां की शक्ति विशालाक्षी व भैरव जी हैं।
- नाम – श्री विशालाक्षी मंदिर
- स्थान – वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
- शक्ति – विशालाक्षी और भैरव कालभैरव
बिहार के शक्तिपीठ स्थल
मगध शक्तिपीठ – बिहार के पटना में श्री बड़ी पटनदेवी मंदिर को शक्तिपीठ की मान्यता प्राप्त है क्योंकि इस स्थान पर देवी की दाहिनी जांघ का पतन हुआ था।
- नाम – श्री बड़ी पटनदेवी मंदिर
- स्थान – पटना, बिहार
- शक्ति – सर्वानंदकारी व भैरव
मिथिला शक्तिपीठ – बिहार स्थित मिथिला के शक्तिपीठों का स्थान अज्ञात है। आमतौर में यहां 3 शक्तिपीठ स्थित होने की मान्यता है। यहां देवी का बाया कंधा गिरा था। विद्वानों की मान्यता अनुसार उग्रतारा मंदिर में माता भगवती का नेत्र गिरा था
- नाम – उच्चैठ मंदिर
- स्थान – उच्चैठ, बिहार, भारत
- शक्ति – उमा या महादेवी और भैरव
वैद्यनाथ धाम शक्तिपीठ – वैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर में स्थित है जिसे माता का धाम की मान्यता प्राप्त है। यह स्थान चिता भूमि में मौजूद है यहां देवी का हृदय गिरा था।
- नाम – जय दुर्गा शक्तिपीठ
- स्थान – देवघर, झारखण्ड, भारत
- शक्ति – जयदुर्गा और भैरव वैद्यनाथ
राजस्थान के शक्तिपीठ की सूची
विराट – जयपुर के उत्तर में महाभारतकालीन विराटनगर के पुराने खंडहर मौजूद हैं और इसी विराटनगर में शक्तिपीठ स्थित है। कहते हैं यहां माता के दाहिने पैर के अंगुलियों गिरी थी।
- नाम – श्री अम्बिका शक्तिपीठ
- स्थान – विराटनगर, जयपुर, भारत
- शक्ति – अंबिका व भैरव अमृत
मणिवेदिक – राजस्थान के पुष्कर सरोवर के पर्वत की एक चोटी पर सावित्री देवी मंदिर स्थित है जबकि दूसरी चोटी पर गायत्री मंदिर स्थित है। यहां देवी की कलाइयां गिरी थी।
- नाम – गायत्री शक्तिपीठ
- स्थान – पुष्कर, राजस्थान, भारत
- शक्ति – गायत्री व भैरव सर्वानंद
गुजरात के शक्तिपीठ स्थल
प्रभास – गुजरात के गिरनार पर्वत शिखर पर देवी अंबिका का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है जहां देवी का उदर भाग गिरा था। माना जाता है देवी पर्वत हिमालय से आकर निवास करती थी यहां।
- नाम – श्री आरासूरी अम्बाजी मंदिर
- स्थान – अम्बाजी, गुजरात, भारत
- शक्ति – चंद्रभागा व भैरव वक्रतुण्ड
महाराष्ट्र के शक्तिपीठ स्थान
जनस्थान – नासिक के निकट पंचवटी में स्थित भद्रकाली का मंदिर है जिसे शक्तिपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है इस स्थान पर देवी की ठुड्डी गिरी थी।
- नाम – सप्तश्रृंगी देवी मंदिर
- स्थान – सप्तश्रृंगी, महाराष्ट्र, भारत
- शक्ति – भ्रामरी और भैरव विकृताक्ष
करवीर – पुराणों में वर्णित करवीर वर्तमान का कोल्हापुर क्षेत्र है जहां महालक्ष्मी की भव्य मंदिर है इस मंदिर को शक्तिपीठ माना गया है। इस क्षेत्र में देवी के तीनों नेत्र गिरे थे।
- नाम – श्री महालक्ष्मी मंदिर
- स्थान – कोल्हापुर, महाराष्ट्र, भारत
- शक्ति – महिषमर्दिनी वह भैरव क्रोधीश
आंध्र प्रदेश के शक्तिपीठ के नाम
श्रीशैलम – श्रीशैलम में एक मल्लिकार्जुन नामक ज्योतिर्लिंग है उसी के निकट भगवती भमराम्बा देवी का मंदिर है। यह मंदिर ही शक्तिपीठ माना गया है जहां देवी की गर्दन का पतन हुआ था।
- नाम – श्री भ्रमराम्बा शक्तिपीठ
- स्थान – श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश, भारत
- शक्ति – महालक्ष्मी व भैरव संवरानन्द
गोदावरी तट – आंध्र प्रदेश के गोदावरी नदी तट पर कोटिलिंगेश्वर नामक मंदिर है जिसे शक्तिपीठ माना गया है। यहां पर माता का बायाँ गाल गिरा था।
- नाम – श्री उमाकोटिलिंगेश्वर स्वामी मंदिर
- स्थान – राजहमुन्द्री, आन्ध्र प्रदेश, भारत
- शक्ति – विश्वेशी व भैरव दंडपाणि
कश्मीर के शक्तिपीठ स्थल
कश्मीर – कश्मीर के अमरनाथ गुफा में भगवान शिव जी के हिम ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यही एक पार्वतीपीठ है जिसे शक्तिपीठ कहते हैं। यहां माता का कंठ पतन हुआ था।
- नाम – श्री अमरनाथ गुफा
- स्थान – पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
- शक्ति – महामाया व भैरव त्रिसंध्येश्वर
श्रीपर्वत – श्री पर्वत शक्तिपीठ कश्मीर के लद्दाख शहर में स्थित है। इस स्थान पर माता का दक्षिण तल्प गिरा था।
- नाम – श्रीसुंदरी शक्तिपीठ
- स्थान – लद्दाख, कश्मीर
- शक्ति – श्री सुंदरी व भैरव सुंदरानंद
मध्य प्रदेश के शक्तिपीठ स्थल
उज्जयिनी – मध्य प्रदेश के उज्जैन में रुद्रसरोवर के समीप हरसिद्धि देवी का मंदिर है जिसे शक्तिपीठ की संज्ञा दी गई है, इस जगह पर माता की कोहनी गिरी थी।
- नाम – माँ हरसिद्धी मंदिर
- स्थान – उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत
- शक्ति – मंगलचंडिका व भैरव मांगल्यकपिलाम्बर
रामगिरि – रामगिरी शक्तिपीठ के संबंध में दो मान्यताएं हैं। कई विद्वान मैहर की शारदा मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं तो कुछ द्वारा चित्रकूट के शारदा मंदिर को शक्तिपीठ की मान्यता दी गई है। यहां पर देवी का दाहिना स्तन गिरा था।
- नाम – श्री शारदा माता मंदिर
- स्थान – मैहर, मध्य प्रदेश, भारत
- शक्ति – शिवानी व भैरव चंड।
भैरव पर्वत शक्तिपीठ – कई विद्वानों द्वारा गुजरात में गिरनार के पास स्थित भैरव पर्वत को शक्तिपीठ माना गया है जबकि कुछ विद्वानों ने मध्य प्रदेश के उज्जैन के समीप शिप्रा नदी के तट पर स्थित भैरव पर्वत को शक्तिपीठ माना गया है। इस जगह पर देवी का ऊपरी होंठ गिरा था।
- नाम – श्री गढ़कालिका माता मंदिर
- स्थान – उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत
- शक्ति – अवन्ती व भैरव लंबकर्ण।
तमिलनाडु के शक्तिपीठ लिस्ट
रत्नावली – चेन्नई के निकट अज्ञात स्थान पर स्थित है यह शक्तिपीठ जहां माता का दाहिना कंधा गिरा था।
- नाम – रत्नावली शक्तिपीठ
- स्थान – अज्ञात
- शक्ति – कुमारी व भैरव शिव।
कन्यकाश्रम – तीन सागरों के संगम स्थल पर कन्याकुमारी मंदिर है उस मंदिर में भद्रकाली का भी मंदिर है जो कि शक्तिपीठ है। यहां माता का पृष्ठ हिस्सा गिरा था।
- नाम – श्री भगवती मंदिर
- स्थान – कन्याकुमारी, तमिल नाडु, भारत
- शक्ति – शर्वाणी व भैरव निमिष।
शुचि – तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 13 किलोमीटर दूरी पर शाचिन्द्रम में शिव जी का मंदिर है इसी मंदिर में शुचि शक्तिपीठ स्थित है जहां देवी जी के ऊपर के दांत गिरे थे।
- नाम – नारायणी शक्तिपीठ
- स्थान – शुचीन्द्रम, तमिल नाडु, भारत
- शक्ति – नारायणी व भैरव संहार
काच्चि – कांचीपुरम स्टेशन से कुछ दूरी पर कामाक्षी देवी का एक अन्य मंदिर है इसी मंदिर को दक्षिण भारत का सर्वप्रधान शक्तिपीठ माना जाता है। यहां देवी का कंकाल गिरा था।
- नाम – श्री कामाक्षी अम्मा मंदिर
- स्थान – कांचीपुरम, तमिल नाडु, भारत
- शक्ति – देवगर्भा व भैरव रूद्र
बंगाल के शक्तिपीठ स्थल
कालिका – कोलकाता के काली घाट पर स्थित काली मंदिर शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। यहां देवी के दाहिने पैर के 4 उंगलियां गिरी थी।
- नाम – कालीघाट मंदिर
- स्थान – कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
किरीट शक्तिपीठ – किरीटकोण ग्राम जो कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित है। इस स्थान पर माता का मुकुट गिरा था।
- नाम – श्री किरीटेश्वरी मंदिर
- स्थान – किरीटेश्वर, पश्चिम बंगाल, भारत
चट्टल का शक्तिपीठ – बंगाल में स्थित यह अन्य शक्तिपीठ है जो चंद्रशेखर पर्वत पर भवानी मंदिर के रूप में मौजूद है। यहां पर देवी का दाहिना हाथ गिरा था।
- नाम – श्री भवानी मंदिर
- स्थान – सीताकुण्ड, बांग्लादेश
नलहाटी शक्तिपीठ – बोलपुर शांतिनिकेतन के दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक ऊंचे टीले पर यह शक्तिपीठ स्थित है। इस जगह पर देवी के उदारनली का पतन हुआ था।
- नाम – श्री नलटेश्वरी मंदिर
- स्थान – नलहाटी, पश्चिम बंगाल, भारत
सुगंधा – सुगंधा नामक शक्तिपीठ बांग्लादेश के शिकारपुर के समीप नदी के किनारे पर स्थित है, यहां पर माता की नासिका गिरी थी। सुनंदा इसकी शक्ति है।
- नाम – श्री सुगंधा शक्तिपीठ
- स्थान – शिकारपुर, बांग्लादेश
युगाद्या – पश्चिम बंगाल के 6 ग्राम में यह शक्ति पीठ स्थापित है। यहां माता का दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था।
- नाम – श्री जोगाद्या शक्तिपीठ
- स्थान – क्षीरग्राम, पश्चिम बंगाल, भारत
बहुला – बहुला शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के अजेय नदी के तट पर स्थित है यहां माता का बायां हाथ गिरा था।
- नाम – श्री बहुला शक्तिपीठ
- स्थान – केतूग्राम, पश्चिम बंगाल, भारत
नन्दीपुर – नंदीपुर नामक स्थान पर एक विशाल वृक्ष के नीचे नंदीकेश्वरी देवी का मंदिर है जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना गया है यहां माता का आभूषण गिरा था।
- नाम – श्री नन्दिकेश्वरी मंदिर
- स्थान – सैन्थिआ, पश्चिम बंगाल, भारत
यशोर – यशोर शक्तिपीठ बांग्लादेश में स्थित है, यहां माता की हथेली गिरी थी।
- नाम – श्री यशोरेश्वरी काली मंदिर
- स्थान – ईश्वरीपुर, बांग्लादेश
अट्टास – अटवा-अहमदपुर लाइन पर लाबपुर रेलवे स्टेशन के समीप यह शक्तिपीठ विराजित है, यहां देवी के नीचे का होंठ गिरा था।
- नाम – श्री फुल्लरा शक्तिपीठ
- स्थान – लाबपुर, पश्चिम बंगाल, भारत
वक्त्रेश्वर – पश्चिम बंगाल के बाकेश्वर नाले के तट पर वस्त्रेश्वर स्थान पर कई शिव मंदिर स्थित है जिन्हें शक्तिपीठ माना गया है।
- नाम – श्री महिषमर्दिनी शक्तिपीठ
- स्थान – वक्रेश्वर, पश्चिम बंगाल, भारत
करतोयातट – करतोयातट शक्तिपीठ भी बांग्लादेश में ही स्थित है जो भवानीपुर ग्राम में मौजूद है। यहां देवी का बाया तल्प गिरा था।
- नाम – श्री अपर्णा शक्तिपीठ
- स्थान – भवानीपुर, बांग्लादेश
विभाष – विभाष शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के तमलुक नामक स्थान पर है, यहां देवी का बायां टखना गिरा था।
- नाम – श्री वर्गभीमा मंदिर
- स्थान – तमलुक, पश्चिम बंगाल, भारत
त्रिस्त्रोता – तीस्ता नदी तट पर देवी का भव्य व प्रसिद्ध मंदिर है, इस जगह पर देवि का वाम चरण यानी दायाँ पैर गिरा था।
- नाम – श्री भ्रामरी शक्तिपीठ
- स्थान – बोदागंज, पश्चिम बंगाल, भारत
हिमाचल प्रदेश का ज्वालामुखी शक्तिपीठ
पठान कोट जोगिंदर नगर रेलमार्ग पर स्थित ज्वालामुखी रोड स्टेशन के समीप को कांगडा जिले में कालीधार पर्वत की घाटी में ज्वालामुखी शक्तिपीठ स्थापित है। यहां देवी की जिन्हा का पतन हुआ था।
- नाम – ज्वालाजी मंदिर
- स्थान – ज्वालामुखी, हिमाचल प्रदेश, भारत
पंजाब का जालंधर शक्तिपीठ
जालंधर दैत्य की राजधानी मानी जाती है जिसका देव शंकर जी ने वध कर दिया था। यहां विश्वमुखी देवी का एक मंदिर है और यही मंदिर शक्तिपीठ है। इस जगह पर देवी का वाम स्तन गिरा था।
- नाम – देवी तालाब मंदिर
- स्थान – जालंधर, पंजाब, भारत
असम का कामरूप (कामाख्या) शक्तिपीठ
असम के गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी तट पर कामाख्या देवी शक्तिपीठ स्थित है। यहां देवी के योनि भाग के गिरने से इसे योनिपीठ भी कहा गया।
- नाम – कामाख्या मंदिर
- स्थान – गुवाहाटी असम, भारत
उड़ीसा का उत्तर शक्तिपीठ
विभिन्न मान्यताओं के आधार पर यहां दो मंदिर को शक्तिपीठ माना गया। पहली जगन्नाथ मंदिर के प्रांगण में स्थित विमलादेव मंदिर एक शक्तिपीठ है दूसरा जाजपुर में विरजादेवी का मंदिर शक्तिपीठ है। यहां देवी की नाभि गिरी थी।
- नाम – बिरजा मंदिर
- स्थान – जजपुर, उड़ीसा, भारत
मेघालय का जयंती शक्तिपीठ
मेघालय की जयंती पहाड़ी पर जयंती माता का मंदिर स्थित है जिसे शक्तिपीठ माना जाता है। यहां देवी के वाम जांघ का पतन हुआ था।
- नाम – नर्तियांग दुर्गा मन्दिर
- स्थान – नर्तियांग, मेघालय
हरियाणा का कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित ब्रह्म सरोवर के नजदीक भद्रकाली का मंदिर है। इस मंदिर को शक्तिपीठ माना गया है और यहां देवी का दायाँ टखना गिरा था।
- नाम – सावित्री, श्री देवीकूप भद्रकाली मन्दिर
- स्थान – थानेसर, हरियाणा
त्रिपुरा का त्रिपुरसुन्दरी
त्रिपुरा राज्य में भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुरसुंदरी का विशाल मंदिर है जिसे 51 शक्तिपीठ की लिस्ट में शामिल किया गया है, यहां माता का दाहिना पैर गिरा था।
- नाम – त्रिपुरेश्वरी मंदिर
- स्थान – त्रिपुरा, उड़ीसा
कालमाधव शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ अज्ञात स्थान पर स्थित है जिसकी जानकारी नहीं प्राप्त। इस स्थान पर देवी का वाम नितंब गिरा था।
- नाम – कालमाधव
- स्थान – अज्ञात
श्रीलंका का लंका शक्तिपीठ
श्रीलंका शक्तिपीठ में माता का पायल (नूपुर) गिरा था।
- नाम –
- स्थान –
पच्चसागर शक्तिपीठ
इस शक्तिपीठ के स्थान का पता अज्ञात है। कहते हैं इस स्थान पर देवी के निचले दांत गिरे थे।
- नाम – पच्चसागर
- स्थान – अज्ञात
पाकिस्तान का हिंगुला शक्तिपीठ
पाकिस्तान के बलूचिस्तान के हिंगलाज नाम के स्थान पर हिंगुला शक्तिपीठ स्थापित है, यहां माता का मस्तक (ब्रह्मरंध्र) गिरा था।
- नाम – हिंगलाज माता मंदिर
- स्थान – आशापुरा, बलूचिस्तान, पाकिस्तान
तिब्बत का शक्तिपीठ
तिब्बत में स्थित कैलाश मानसरोवर के मानसा क्षेत्र के पाषाण शिला पर माता का दायाँ हाथ गिरा था।
- नाम – मानस शक्तिपीठ
- स्थान – तिब्बत
नेपाल का शक्तिपीठ
महामाया- नेपाल में स्थित गुजरेश्वरी मंदिर में माता के दोनों घुटने गिरे थे।
- नाम – गुह्येश्वरी शक्तिपीठ
- स्थान – काठमांडू, नेपाल
- शक्ति – महाशिरा (महामाया) भैरव (कपाली)
गण्डकी शक्तिपीठ – नेपाल के मुक्तिनाथ मंदिर में माता का मस्तक या कनपटी गिरे थे।
- नाम – गण्डकी शक्तिपीठ
- स्थान – नेपाल
- शक्ति – विमला व भैरव
आगे पढ़ें: 12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान और फोटो व कथाएं
शक्तिपीठों के नाम और जगह – FAQ
भारत में कितने शक्ति पीठ है?
भारत में 42 शक्तिपीठ हैं।
शक्तिपीठ कितने हैं और कहाँ-कहाँ हैं?
कुल 51 शक्तिपीठ हैं जिनमे से भारत में 42, पाकिस्तान में 1, बांग्लादेश में 4, श्रीलंका में 1, तिब्बत में 1 तथा नेपाल में 2 शक्तिपीठ हैं।
राजस्थान में कितने शक्तिपीठ स्थित है?
राजस्थान में 2 शक्तिपीठ हैं: श्री गयात्री शक्ति पीठ और श्री अम्बिका शक्तिपीठ।
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