आज हम आपको 100 कौरवों के नाम बताने वाले हैं। आपको कौरवों के बारे में जरुर पता होगा, महाभारत में पांडव और कौरवों के बीच के युद्ध की कहानी आपने जरुर सुनी होगी। ये सभी 100 कौरव ध्रितराष्ट्र के पुत्र थे। वैसे तो कौरवों की संख्या 100 बताई जाती है लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को पता है की कौरव 100 नही बल्कि 102 थे।
धृतराष्ट्र के 102 पुत्र थे। जिनमें से 101 संताने उनकी पत्नी गांधारी से पैदा हुए थे। ध्रितराष्ट्र का एक नाजायज बेटा भी था जिसका युयुत्सु नाम था, जो की एक नौकरानी के गर्भ से पैदा हुआ था। इन संतानों में दुशाला इकलौती लड़की है। निचे हमने सभी 102 कौरवों के नाम की लिस्ट दी हुई।
Contents
100 कौरवों के नाम
जैसा की हमने आपको बताया की कौरवों की संख्या 100 नही बल्कि 102 थी। इसलिए हम निचे 102 कौरवों के नाम बता रहे हैं जिनमे कौरवों की एक बहन भी शामिल है।
1. दुर्योधन
2. दु:शासन
3. दुस्सह
4. दु:शल
5. जलसन्ध
6. सम
7. सह
8. विन्द
9. अनुविन्द
10. दुर्धर्ष
11. सुबाह
12. दु़ष्ट्रधर्षण
13. दुर्मर्षण
14. दुर्मुख
15. दुष्कर्ण
16. कर्ण
17. विविशन्ति
18. विकर्ण
19. शल
20. सत्त्व
21. सुलोचन
22. चित्र
23. उपचित्र
24. चित्राक्ष
25. चारुचित्रशारानन
26. दुर्मद
27. दुरिगाह
28. विवित्सु
29. विकटानन
30. ऊर्णनाभ
31. सुनाभ
32. नन्द
33. उपनन्द
34. चित्रबाण
35. चित्रवर्मा
36. सुवर्मा
37. दुर्विरोचन
38. अयोबाहु
39. चित्राङ्ग
40. चित्रकुण्डल
41. भीमवेग
42. भीमबल
43. बलाकि
44. बलवर्धन
45. उग्रायुध
46. सुषेण
47. कुण्डोदर
48. महोदर
49. चित्रायुध
50. निषङ्गी
51. पाशी
52. वृन्दारक
53. दृढवर्मा
54. दृढक्षत्र
55. सोमकीर्ति
56. अनूर्दर
57. दृढसन्ध
58. जरासन्ध
59. सत्यसन्ध
60. सदस्सुवाक्
61. उग्रश्रव
62. उग्रसेन
63. सेनानी
64. दुष्पराजय
65. अपराजित
66. पण्डितक
67. विशलाक्ष
68. दुराधर
69. दृढहस्त
70. सुहस्त
71. वातवेग
72. सुवर्चस
73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी
75. नागदत्
76. अग्रयायॊ
77. कवची
78. क्रथन
79. दण्डी
80. दण्डधार
81. धनुर्ग्रह
82. उग्र
83. भीमरथ
84. वीरबाहु
85. अलोलुप
86. अभय
87. रौद्रकर्मा
88. द्रुढरथाश्रय
89. अनाधृष्य
90. कुण्डभेदी
91. विरावी
92. प्रमथ
93. प्रमाथी
94. दीर्घारोम
95. दीर्घबाहु
96. व्यूढोरु
97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी
99. विरज
100. दुहुसलाई
101. दु:शला (पुत्री)
102. युयुत्सु
इस आर्टिकल में हमने आपको 100 कौरवों के नाम और ध्रितराष्ट्र की पुत्री और एक अन्य पुत्र के नाम भी बताये हैं। ऊपर लिस्ट में 102 कौरवों के नाम दिए गये हैं। इस लिस्ट से आपको पता चल गया होगा की ध्रितराष्ट्र की 100 नही बल्कि 102 संताने थीं।
कौरवों का जन्म कैसे हुआ?
ध्रितराष्ट्र का विवाह गांधारी से हुआ था। गांधारी गंधार की राजकुमारी थीं इसलिए उनका नाम गांधारी पड़ा। विवाह के पश्चात गांधारी जब हस्तिनापुर आई तब उन्हें पता चला की ध्रितराष्ट्र अंधे हैं। इसके बाद उन्होंने खुद की आँखों पर भी हमेशा के लिए एक पट्टी बाँधने की प्रतिज्ञा ली थी।
जब ऋषि व्यास उनसे मिलने हस्तिनापुर पहुंचे तो आँखों पर पट्टी बांधकर भी गांधारी ने उनकी बहुत सेवा की। गांधारी की सेवा और पतिव्रता संकल्प से ऋषि बहुत प्रसन्न हुए। प्रसन्न होकर उन्होंने गांधारी को 100 पुत्रों की माता होने का आशीर्वाद दिया। आशीर्वाद से गांधारी गर्भवती हुईं लेकिन उनके गर्भ से मांस का लोथड़ा पैदा हुआ। ऋषि व्यास ने उस मांस के टुकड़े को 100 भाग में काटकर घड़े में 1 वर्ष रखने का आदेश दिया।
चूँकि गांधारी चाहती थी की उन्हें एक पुत्री भी हो इसलिए मांस को 101 टुकड़े में काटा गया और घड़े में रख दिया गया। एक वर्ष बाद घड़े से 100 पुत्र और एक पुत्री दु:शला पैदा हुई।
आगे पढ़ें:
कौरवों के नाम से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न
कौरवों के पिता का नाम क्या था?
कौरवों के पिता ध्रितराष्ट्र थे।
कौरवों की बहन कौन थी?
कौरवों की बहन दुशाला (दु:शला) थी।