हिरण बहुत अच्छे तैराक भी होते हैं और ये दूर जाने के लिए जल धाराओं और नदियों का भी उपयोग करते हैं।
हिरण की सुनने की क्षमता हम इंसानों से बहुत बेहतर होती है, ये आसानी से ध्वनि के स्त्रोत का पता लगा सकती हैं।
हिरण के पेट में चार कक्ष होते हैं, जो उन्हें जुगाली करने में मदद करते है। यह आंशिक रूप से भोजन चबाने की प्रक्रिया है, इसे चबा कर रखना और फिर से चबाना आसान है जिससे इसे पचाने में आसानी होती है
हिरण की आँखें उसके सिर के किनारे पर स्थित होती हैं। इसका लाभ यह है कि हिरण खुद के आसपास 310 डिग्री देखने में सक्षम हैं।
ये color-blind होते हैं और इन्हें लाल और हरा रंग दिखाई नही देता है। हाँ ये नीले रंग और ultraviolet किरणों को देख सकते हैं।
हिरण आराम करते समय पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ खुद को उत्तर और दक्षिण दिशा में रखने की कोशिश करते हैं।
हिरण के सूंघने की क्षमता मनुष्य से 100 गुना अधिक होती है।
बहुत दिलचस्प बात है की हिरण के नवजात बच्चे में कोई गंध नही होती इसलिए ये शिकारी जानवरों से बच जाते हैं।
भारत में सबसे छोटे हिरण की प्रजाति को “माउस डियर” कहा जाता है। हालही में इसे छत्तीसगढ़ में देखा गया था इससे पहले इसे एक विदेशी नागरिक द्वारा सन 1905 में देखा गया था।
हिरण भी अपना क्षेत्र निर्धारित करते हैं और उसी इलाके में भोजन की तलाश करते हैं इनका इलाका 30 मील तक फैला हो सकता है।
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