भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है? यह सवाल पूछने पर लगभग हर किसी का जवाब होगा “हॉकी”, क्योंकि हम बचपन से ही स्कूलों में, सामान्य ज्ञान की किताबों में यही पढ़ते आ रहे हैं की हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। लेकिन आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी की हॉकी को भारत के राष्ट्रीय खेल का दर्जा प्राप्त नही है।
अगर हॉकी नही, तो भारत का राष्ट्रीय खेल कौनसा है?
सन 2012 में लखनऊ की 10 वर्षीय ऐश्वर्या पाराशर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को आरटीआई के जरिये राष्ट्रीय प्रतिक चिन्ह, गीत, राष्ट्रगान, पशु, पक्षी, खेल आदि से जुड़े घोषणा पत्र और दस्तावेजों की प्रति मांगी थी।
उन सवालों को कार्यालय से सम्बंधित मंत्रालयों में भेजा गया, खेल से जुड़े सवाल के जवाब में खेल मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा की भारत सरकार ने अभी तक किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा नही दिया है।
इससे साफ़ हो जाता है की हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी नही है, बल्कि ऐसा कोई खेल है हि नही जिसे भारत का राष्ट्रीय खेल घोषित किया गया हो।
शायद यही वजह है की किसी भी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं में यह सवाल पूछा ही नही जाता क्योंकि इसका कोई जवाब ही नही है।
आखिर हॉकी को राष्ट्रीय खेल मानने के पीछे वजह क्या है?
अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा की जब देश का कोई राष्ट्रीय खेल है ही नही तो लोग हॉकी को राष्ट्रीय खेल क्यों मानते हैं? आखिर इतने बड़े झूठ के पीछे वजह क्या है?
इसे समझने के लिए आपको हॉकी से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में जरूर पता होना चाहिए जैसे – हॉकी का जन्म हमारे देश भारत में हुआ और स्वतंत्रता से पहले यहाँ हॉकी का खेल बहुत ही लोकप्रिय हुआ करता था यहाँ तक की भारत को इस खेल में 8 स्वर्ण पदक और एक विश्व कप मिल चुका है। सन 1928 से 1956 तक के सारे स्वर्ण पदक भारत के नाम पर ही हैं।
शायद यही वजह है की लोगों ने हॉकी को ही राष्ट्रीय खेल मान लिया इसके अलावा RTI से पहले इस सवाल का जवाब खोज पाना और तथ्यों की पुष्टि कर पाना बहुत मुश्किल काम था।
आपको हॉकी के बारे में यह तथ्य (facts about hockey in Hindi) जानकर कैसा लगा हमें जरुर बताएं।