पारिजात एक प्रकार का औषधीय पेड़ है जिसे लोग इसके सुन्दर फूलों की वजह से जानते हैं
इसका उपयोग भगवान हरि (श्रीकृष्ण) के श्रृंगार व पूजन के लिए किया जाता है इसलिए इसे 'हरसिंगार' भी कहा जाता है।
यह बहुत ही उपयोगी पौधा है जिसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
आइये इनके औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं...
दाद, खाज, खुजली तथा कुष्ठ रोग आदि से छुटकारा पाने के लिए आप पारिजात के पत्ते को पीसकर उसका काढ़ा या पेस्ट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं ।
त्वचा रोग में असरदार
त्वचा पर किसी प्रकार का घाव, फोड़े-फुंसी है तो आप पारिजात के बीज को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को लगाने से लाभ मिलता है।
घाव भरने में उपयोगी
बुखार नहीं उतर रहा तो आपको पारिजात के पेड़ के पत्ते का काढ़ा बनाकर 10 से 30 मिली में अदरक का थोड़ा सा चूर्ण व मधु मिलाकर इस गाढ़ा का सेवन करना चाहिए ।
बुखार में उपयोगी
पारिजात के जड़ को मुंह में रखकर चबाना चाहिए ऐसा करने से उनके नाक, कान आदि से खून बहने की समस्या में लाभ मिलता है
नाक व कान से खून बहना
इसके बीज को पीसकर बवासीर में बाह्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है इससे बवासीर के दर्द में काफी आराम मिलता है।
बवासीर में असरदार
इसके फूल आंखों की समस्या में बेहद फायदेमंद माने जाते हैं और भूख बढ़ाने तथा अन्य पाचन संबंधी विकारों को समाप्त करने में इसका उपयोग किया जाता है।
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